लखनऊ। किसानों के एक संगठन ने आज अपने गठन की पहली वर्षगांठ मना रही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर कृषकों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले काश्तकारों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया है। हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि योगी सरकार ने एक साल में किसानों के लिये बहुत काम किया है।
‘राष्ट्रीय किसान मंच‘ के अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने यहां एक बयान में कहा कि प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रैलियों में किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। इसके अलावा गन्ना किसानों के भुगतान, आलू और धान किसानों को उत्पादन लागत देने, बिजली दरें कम करने सहित तमाम वादे किये गये थे, मगर बदले में किसानों को धोखा मिला। उत्तर प्रदेश में किसान त्रस्त है और सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के घोषणापत्र में उसकी सरकार बनने के 14 दिन के भीतर गन्ना किसानों का सारा भुगतान कराने का वादा किया गया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी वह वादा पूरा नहीं किया है। चीनी मिलों पर अब भी छह हजार करोड़ रुपये बकाया है।
दीक्षित ने कहा कि योगी सरकार ने आलू और धान किसानों से भी वादाखिलाफी की। किसानों से उनकी उत्पादन राशि देने का वादा भी हवा-हवाई साबित हुआ है। इस बीच, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने दीक्षित के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जितना काम योगी सरकार ने एक साल में किया है, उतना पिछली सरकारों ने अपने पूरे कार्यकाल में नहीं किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाया गया किसान कर्जमाफी का कदम ऐतिहासिक था। इससे 80 लाख से ज्यादा लघु एवं सीमान्त किसानों को फायदा हुआ।