उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति लागू करने की कसरत शुरू
नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव किए गए हैं। इसमें मल्टीपल एंट्री और एग्जिट व्यवस्था लागू करना शामिल है। इस व्यवस्था के तहत यदि कोई छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ता है तो उन्हें एक साल के बाद सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा और तीन साल के बाद डिग्री मिल जाएगी। यदि कोई छात्र शोध के क्षेत्र में जाना चाहता है तो उसे चार साल की डिग्री करनी होगी। इसी तरह बीएड को चार साल का किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा विभाग ने नई शिक्षा नीति पर अमल के लिए कसरत शुरू कर दी है। इसी क्रम में 17 अगस्त को विभाग ने सभी हित धारकों की बैठक बुलाई है। इसमें उत्तराखंड की जरूरत के मुताबिक बदलावों पर चर्चा की जाएगी।
नई नीति पर उच्च शिक्षा विभाग में कई स्तर पर इन दिनों मंथन चल रहा है। नीति के तहत कॉलेजों को अगले 15 सालों के भीतर विश्वविद्यालयों की सम्बद्धता से पूरी तरह मुक्त करने का भी प्रावधान है। उत्तराखंड में बड़े कॉलेजों के लिए अच्छा अवसर हो सकता है। इसलिए राज्य सरकार ने नई नीति पर आम राय कायम करने के लिए मंथन शुरू कर दिया है। इसके लिए 17 अगस्त उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सभी कुलपतियों, विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन के मुताबिक नई नीति में उत्तराखंड की जरूरत के मुताबिक होने वाले बदलावों की पहचान की जाएगी, इसी क्रम में इस पर अमल किया जाएगा।