नयी दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने संसद में चल रहे गतिरोध के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए आज आरोप लगया कि पूरा विपक्ष चाहता है कि सदन चले लेकिन सरकार की ओर से इसके लिए कोई कोशिश नहीं की जा रही है। आजाद ने राज्यसभा में कहा कि पीएनबी घोटाले, कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा …. ये तीनों मुद्दे अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और विपक्षी दल चाहते हैं कि इन पर चर्चा की जाए। साथ ही विपक्षी दल यह भी चाहते हैं कि सदन में कामकाज सामान्य रूप से हो, बजट तथा अन्य विधेयकों पर चर्चा की जाए।
यह बात आजाद ने इराक में लापता 39 भारतीयों के मारे जाने के बारे में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा अपनी ओर से एक बयान दिए जाने के बाद कही। आजाद जब अपनी बात रख रहे थे उसी समय तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के राजनीतिक दलों के सदस्यों ने अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के समक्ष आ कर हंगामा शुरू कर दिया। ज्यादातर विपक्षी सदस्य चाहते थे कि आजाद अपनी बात पूरी करें। आजाद ने पहले हंगामा कर रहे सदस्यों को रोकने की कोशिश की। लेकिन अन्नाद्रमुक, द्रमुक, तेदेपा के सदस्य आसन के सामने पहुंच गए। तब कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने हंगामा कर रहे सदस्यों को रोकना चाहा लेकिन आजाद ने अपनी पार्टी के सदस्यों को आगे आने से मना किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, बसपा, द्रमुक, राकांपा, माकपा और भाकपा सहित दस विपक्षी दलों के सदस्यों की आज सुबह बैठक हुई और इस बात पर सहमति जताई गई कि सदन में सामान्य तरीके से कामकाज होना चाहिए। आजाद ने कहा ‘‘तीन बड़े मुद्दों को लेकर लोग परेशान हैं। बैंकों में अनियमितता का मुद्दा है जहां अरबों रूपये लूट लिए गए। आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा और कावेरी जल का मुद्दा भी है।’’ विपक्ष के नेता ने कहा ‘‘हम चाहते हैं कि सदन सामान्य रूप से चले, कामकाज हो और तीनों मुद्दों पर चर्चा हो। ’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सभी राजनीतिक दलों से संपर्क नहीं कर रही है और उसके इस रवैये की वजह से गतिरोध बना हुआ है। सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन मुद्दों पर भी चर्चा होनी चाहिए जो पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में हुए। संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि पहले ही दिन से सरकार कह रही है कि वह हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि वह पहले ही दिन से कह रहे हैं कि बैंक के मुद्दे पर चर्चा की जरूरत है और इस पर सरकार भी सहमत है। उन्होंने कहा ‘‘फिर व्यवधान पैदा करने का कोई कारण मुझे समझ में नहीं आता। जो हो रहा है, वह ठीक नहीं है।’’ इसके बाद उन्होंने पूरे दिन के लिए बैठक स्थगित कर दी।