आपदा से विस्थापित गांवों को वन भूमि पर बसाएंगे
सीएम ने जिलाधिकारियों से यह भी कहा है कि विस्थापित होने वाले गांवों के लिए भूमि बैंक भी बनाया जाए। विस्थापित होने वाले गांवों की सूची भी बनाई जाए। सीएम ने इसके साथ ही आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को तीन दिन के अंदर-अंदर मुआवजा देने का आदेश भी जारी किया। सीएम ने कहा कि सड़कों को कम से कम समय में खोला जाए। आपदा के कारण जिन लोगों को अन्य स्थानों पर भेजा जा रहा है, उनके रहने और खाने की सही व्यवस्था की जाए।
आपदा से प्रभावित गांवों के विस्थापन के लिए उत्तराखंड सरकार अब वन भूमि का उपयोग करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारियों को इस तरह का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने का आदेश भी दिया है।
395 गांव चिह्नित, 54 गांव पर संकट, 26 गांवों के विस्थापन को स्वीकृति
आपदा प्रभावित गांवों के विस्थापन की भूमि जुटाने का निर्देश सीएम को ऐसे ही नहीं देना पड़ा है। प्रदेश में अभी तक 395 गांव आपदा संवेदनशील माने गए हैं। आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट के मुताबिक 54 गांव तो ऐसे हैं जिनके तुरंत विस्थापन की जरूरत है। 26 गांवों के विस्थापन के लिए 26 करोड़ रुपये जारी हुए हैं। इस मामले को लेकर आयुक्त कुमाऊं मंडल की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित है।
मानसून पड़ा भारी, अब तक 62 लोग गंवा चुके हैं जान
आपदा प्रबंधन प्रभारी सचिव एसए मुरुगेशन ने बताया कि मानसून में आपदा के कारण अब तक 62 लोग जान गंवा चुके हैं, 33 घायल हुए और चार लोग लापता हैं। 357 छोटे और बड़े पशुओं का नुकसान हुआ और 237 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हुए। पिथौरागढ़ में भारी बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।
पैसे की कमी नहीं, जिलाधिकारियों को 103 करोड़ दिए गए
सीएम ने बताया कि आपदा मद में जिलाधिकारियों को 103 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अलावा 5-5 लाख रुपये उन्हें अतिरिक्त दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने आपदा मद में करीब 468 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। आपदा से संबंधित काम के लिए अन्य विभागों को 189 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
मुआवजा मिल रहा है समय से
आपदा प्रबंधन अधिकारियों का कहना है कि आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को तीन दिन में मुआवजा दिया जा रहा है। मुआवजे को लेकर कहीं से कोई शिकायत भी अभी तक सामने नहीं आई है। पुनर्वास के तहत भवन निर्माण के लिए प्रति परिवार चार लाख रुपये, भूूमि सुधार और गौशाला निर्माण के लिए 15-15 हजार रुपये, विस्थापन भत्ता दस हजार, स्वयं का व्यवसाय शुरू करने के लिए 28 हजार रुपये दिया जाता है।