उत्तराखंड के स्थानीय उत्पाद को मिलेगा हिमालयी ब्रांड
उत्तराखंड में भरपूर जैव विविधता है। उन्होंने कहा कि हिमालयी और तराई क्षेत्र का एक साथ विकास किए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीड़ की पत्तियों से बिजली और चारकोल बनाकर 40 हजार लोगों को रोजगार दिया जा सकता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि सरकार उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को हिमालयी ब्रांड के तौर पर स्थापित करने का प्रयास कर रही है। शनिवार को सामाजिक उद्यमियों के साथ संवाद में उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों के इस्तेमाल से ही उत्तराखंड की आर्थिकी संवारी जा सकती है। सामाजिक उद्यमियों के साथ आयोजित ई संवाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय संसाधनों को आधार मानकर आत्मनिर्भर बना जा सकता है।
इस मौके पर सीएम ने मशरूम उत्पादन में कार्य कर रही दिव्या रावत, हेल्थ एवं पर्सनल केयर प्रोडक्ट में कार्य करने वाले हर्षपाल चौधरी, ईको टूरिज्म में सक्रिय नुपुर अग्रवाल, होम स्टे चला रही निवेदिता कार्की, आर्टिफिशल इन्टेलीजेंसी में कार्यरत प्रेक्षा कपरवाण, एडवेंचर क्षेत्र में कार्य कर रहे विक्रम सिंह पंवार, मशरूम उत्पादन में सक्रिय प्रीति भंडारी से बातचीत की।
सीएम ने कहा कि इन्वेस्टर समिट के दौरान हुए एमओयू से अब तक 25 हजार करोड़ रुपये की ग्राउंडिंग हो चुकी है। राज्य बनने के बाद से औद्योगिक क्षेत्र में 2017 तक राज्य में 40 हजार करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट हुआ, जबकि पिछले साढ़े तीन साल में 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।
प्रीति भंडारी ने कहा कि उन्होंने 500 रुपये से मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया था और आज वे 40 हजार रुपये तक प्रतिमाह कमा लेती हैं। इस अवसर पर उच्च शिक्षा उन्नयन समिति की उपाध्यक्ष दीप्ति रावत, सचिव राधिका झा, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ एसएस नेगी, तकनीकी सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, कार्यक्रम संयोजक अखिलेश उपस्थित रहे।