उत्तराखंड को बाहर से नहीं खरीदनी होगी बिजली, हर महीने फ्री मिल सकते है 1100 मेगावाट

उत्तराखंड को बाहर से नहीं खरीदनी होगी बिजली, हर महीने फ्री मिल सकते है 1100 मेगावाट

बसंत विहार स्थित ओम्बड्समैन ऑफिस में विद्युत लोकपाल ने बुधवार को प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने बताया कि टीएचडीसी के अंशदान के मुद्दे पर स्वामित्व को लेकर यूपी और उत्तराखंड के बीच विवाद चल रहा है। यूपी के मुख्य सचिव के दो बार सुप्रीम कोर्ट में पेश न होने पर वर्ष 2013 में इस मामले में उत्तराखंड के पक्ष में फैसला सुनाया गया था।

उत्तराखंड के विद्युत लोकपाल (ओम्बड्समैन) और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने सरकार को सलाह दी है कि वो टीएचडीसी के अंशदान मामले में मजबूत पैरवी करे। उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखंड को उसका हक मिलता है तो राज्य को टीएचडीसी से प्रति माह करीब 1100 मेगावाट बिजली रॉयल्टी के रूप में मिल सकती है।

बाद में यूपी की ओर से दोबारा अपील किए जाने के बाद यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। कुमार ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर इस मुद्दे पर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार इस मामले में फैसला निश्चित रूप से उत्तराखंड के हक में आना चाहिए। ऐसे में सरकार को सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी करनी चाहिए।

उत्तराखंड के हक में निर्णय हुआ तो राज्य गठन के बाद परियोजना निर्माण पर यूपी की ओर से किए गए करीब 900 करोड़ रुपये राज्य को लौटाने होंगे। हालांकि तब से लेकर अब तक हुए बिजली उत्पादन की 25 प्रतिशत रॉयल्टी का लाभ राज्य को मिलेगा जो हजारों करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

कुमार ने कहा-टीएचडीसी से रॉयल्टी के रूप में मिलने वाली 1100 मेगावाट बिजली राज्य के मासिक उत्पादन के लगभग बराबर होगी। जल विद्युत निगम राज्य में 1200 मेगावाट बिजली प्रतिमाह उत्पादित करता है। उन्होंने कहा कि राज्य के आर्थिक संसाधनों को मजबूत करने में टीएचडीसी की रॉयल्टी सबसे सशक्त माध्यम बन सकती है।

सुभाष कुमार ने बताया कि टीएचडीसी की दो परियोजनाओं से उत्तराखंड को हर माह फिलहाल 168 मेगावाट बिजली रॉयल्टी के रूप में फ्री मिल रही है। इसमें से 1000 मेगावाट की टिहरी परियोजना से रॉयल्टी के रूप में 120 मेगावाट जबकि 400 मेगावाट की कोटेश्वर परियोजना से 48 मेगावाट बिजली फ्री मिल रही है।

सुभाष कुमार ने बताया कि टीएचडीसी का मुख्यालय ऋषिकेश में है। ऐसे में नियमानुसार टीएचडीसी की न केवल राज्य में चल रही परियोजनाओं से 25 रॉयल्टी मिलेगी बल्कि प्रदेश के बाहर चल रही टीएचडीसी की परियोजनाओं से भी उत्तराखंड को रॉयल्टी के रूप में बिजली फ्री मिलेगी। टीएचडीसी देशभर में अपने सभी प्रोजेक्टों से 4301 मेगावाट बिजली का उत्पादन करता है और इसका 25 हिस्सा करीब 1100 मेगावाट बनता है।

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