स्टार्टअप रैंकिंग-2019 में एक पायदान ऊपर चढ़ा उत्तराखंड
देश के अन्य राज्यों की भांति उत्तराखंड में भी स्टार्टअप की पहल हुई और युवाओं ने भी इसमें रुचि दिखाई। हालांकि, शुरुआती दौर में कुछ दिक्कतें रहीं, लेकिन वर्ष 2018 में स्टार्टअप नीति लागू होने के बाद उद्योग निदेशालय में बाकायदा स्टार्टअप प्रकोष्ठ बनाया गया। इसके लिए नोडल अधिकारी भी नामित किया गया। साथ ही विभिन्न विश्वविद्यालयों के अलावा आइआइटी रुड़की और आइआइएम काशीपुर से भी हाथ मिलाया गया।
युवाओं को स्टार्टअप के लिए प्रेरित करने की दिशा में उत्तराखंड तेजी से आगे बढ़ रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की स्टार्टअप रैंकिंग-2019 इसकी तस्दीक करती है। इसकी एस्पायरिंग लीडर्स (आकांक्षी नेतृत्व) श्रेणी में उत्तराखंड को स्थान मिला है। पिछली बार वह इमर्जिंग राज्यों की श्रेणी में था।
अपर मुख्य सचिव उद्योग मनीषा पंवार के अनुसार इस पहल के बेहतर परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने भी स्टार्टअप के लिए उत्तराखंड में किए जा रहे प्रयासों को सराहा है। परिणामस्वरूप राज्य को स्टार्टअप रैंकिंग-2019 की एस्पायरिंग लीडर्स श्रेणी में जगह मिल पाई है। उन्होंने कहा कि राज्य जल्द ही स्टार्टअप के क्षेत्र में नई ऊंचाईयां छुएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सूबे में टाइ-ग्लोबल का चैप्टर खोलने की योजना है।
निदेशक उद्योग एससी नौटियाल ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में कृषि, मेडिकल डिवाइस, पर्यटन, पर्यावरण और ईको टूरिज्म समेत अन्यक्षेत्रों में 70 स्टार्टअप हैं। काफी संख्या में युवा स्टार्टअप की तैयारियों में जुटे हुए हैं। सरकार और उद्योग विभाग की ओर से उन्हें प्रोत्साहित करने के साथ ही उनकी कठिनाइयों का भी त्वरित गति से निदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से उत्तराखंड ने स्टार्टअप के क्षेत्र में काफी मेहनत की है और इसके अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। राज्य का एस्पायरिंग लीडर्स श्रेणी में स्थान हासिल करना इसका उदाहरण है। स्टार्टअप के लिए अब और तेजी से कदम बढ़ाए जाएंगे।