उत्तराखंड में जारी है भूस्खलन का दौर, 10 घंटे बंद रहा बदरीनाथ हाईवे

देहरादून। बुधवार देर रात से देहरादून में शुरू हुई बारिश गुरुवार तड़के तक जारी रही। आज सुबह देहरादून के कई इलाकों में झमाझम बारिश हुई। जिससे एक ओर मौसम सुहावना हो गया तो वहीं दूसरी ओर शहर में जलभराव की स्थिति भी पैदा हो गई।

बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ में भूस्खलन से 10 घंटे तक वाहनों की आवाजाही ठप रही। बृहस्पतिवार को सुबह करीब पांच बजे बारिश के दौरान चट्टान से भारी मलबा हाईवे पर आ गया, जिसे अपराह्न तीन बजे तक हटाया जा सका। हाईवे सुचारु होने के बाद पांडुकेश्वर से 1105 तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे, जबकि 100 तीर्थयात्री पैदल ही बदरीनाथ धाम पहुंचे।

लामबगड़ में रुक-रुककर हो रही बारिश से हाईवे पर मलबा और बोल्डर छिटककर आ रहे हैं, जिससे बदरीनाथ धाम की यात्रा बाधित हो रही है। बृहस्पतिवार को सुबह पांच बजे चट्टान से मलबा और बोल्डर हाईवे पर आ गए। इसके बाद प्रशासन की ओर से हाईवे पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। हाईवे अवरुद्ध होने से पांडुकेश्वर और लामबगड़ बाजार में यात्रा वाहनों की लंबी लाइन लग गई।

सुबह नौ बजे तक भी हाईवे के न खुलने से पांडुकेश्वर से करीब सौ तीर्थयात्री दो किलोमीटर पैदल चलकर लामबगड़ बाजार पहुंचे और यहां से फिर लोकल वाहन से बदरीनाथ धाम पहुंचे। एनएच ने जेसीबी से मलबा हटाकर अपराह्न तीन बजे तक हाईवे को सुचारु किया। इसके बाद तीर्थयात्री अपने वाहनों से बदरीनाथ धाम पहुंचे। गोविंदघाट थाने के प्रभारी बृजमोहन राणा का कहना है कि लामबगड़ में हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया है।

कोटद्वार में पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से स्कूटी सवार भाई-बहन घायल हो गए। युवक की हालत नाजुक बताई जा रही है। हादसा आज सुबह सिद्धबली बैरियर के पास हुआ। यहां पहाड़ी से मलबा आने से एनएच 534 बंद हो गया है। दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। मलबा हटाते वक्त जेसीबी चालक भी बाल-बाल बचा। वहीं जेसीबी क्षतिग्रस्त हो गई है।

कई जगह आज भी होगी बारिश
प्रदेश के कई इलाकों में आज भी बारिश हो सकती है। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार ज्यादातर क्षेत्रों में बादल छाये रहने और बारिश होने का अनुमान है। कुछ इलाकों में गरज और चमक के साथ तेज बौछारें भी पड़ सकती है।

पांच जिलों में सुधरे बारिश के हालात

मानसून सीजन में पांच जिलों में बारिश के हालात में सुधार आया है। इन जिलों में सामान्य बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं, आठ जिलों में अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है। प्रदेश में अब तक कुल 23 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम केंद्र की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मानसून सीजन में एक जून से 11 सितंबर तक सामान्य तौर पर कुल 1078.8 मिमी बारिश होनी चाहिए थी।

हालांकि अब तक केवल 826 मिमी बारिश ही हुई है। पौड़ी गढ़वाल में सबसे कम 53 फीसदी ही बारिश हुई है। वहीं टिहरी में 45, देहरादून में 38, उत्तरकाशी में 37,हरिद्वार में 32, चंपावत में 27, रुद्रप्रयाग में 22 और अल्मोड़ा में 21 फीसदी कम बारिश हुई है।

बागेश्वर की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां सामान्य से 34 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। यहां अब तक 1008.7 मिमी बारिश हो चुकी है। वहीं चमोली में दो फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। ऊधमसिंह नगर में सात, नैनीताल में 12 और पिथौरागढ़ में 17 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार सामान्य से 19 फीसदी कम या ज्यादा बारिश को भी सामान्य ही माना जाता है।

प्रदेश में फिलहाल कई इलाकों में बारिश की संभावना बनी हुई है। राजधानी दून समेत प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश हो सकती है, जिससे बारिश सामान्य होने की उम्मीद है। मानसून सीजन में प्रदेश में सामान्य तौर पर 1229 मिमी बारिश होती है।
– बिक्रम सिंह, निदेशक, मौसम केंद्र

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