उत्तराखंड में भीषण तबाही, चार लोगों के मरने की खबर

देहरादून। उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में बादलों ने कहर बरपा दिया। यहां दो जगह बादल फटने की घटना सामने आई है। जिसमें 11 घर बह गए हैं। दोनों घटनाओं में दो महिला और दो बच्चों की मौत हो गई है। दो महिलाएं मलबे में दबी हैं। एक लापता है व कई लोग घायल हुए हैं। स्थानीय लोग इन घटना को बादल फटना बता रहे हैं। जबकि प्रशासन का कहना है कि दोनों अतिवृष्टि की घटनाएं हैं।

बादल फटने की दूसरी घटना चमोली जिले के देवाल क्षेत्र के फल्दिया गांव में घटी। यहां बरसाती मलबे में दबने से मां-बेटी की मौत हो गई। गांव में कुल 11 मकान मलबे के सैलाब में समा गए। रात करीब साढ़े दस बजे गांव में बादल फटने से अफरातफरी मच गई। घरों में रह रहे लोग जान बचाने को भाग पड़े। इस दौरान मलबे में दबने से ग्रामीण रमेश की पत्नी पुष्पा देवी ( 29 वर्ष) और पांच वर्षीया पुत्री ज्योति की मौके पर ही मौत हो गई। गांव में खेती की जमीन, कई मवेशी भी मलबे में समा गए।

फल्दिया गांव में बिजली गुल है। पानी की लाइन टूट गई है। पूरे गांव में हाहाकार मचा है। लोग अभी भी खौफ के साए में है। वह अपने घरों पर टूटी तबाही देखकर इधर-उधर भटक रहे हैं। पुलिस और एसडीएम केएस नेगी सहित पूरी प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। इसके अलावा देवाल क्षेत्र की सभी सड़कें बंद हो गई हैं। सिर्फ देवाल-थराली मोटर मार्ग खुला है। तलौर, बमण, बेरा, पदमल्ला आदि गांवों में भी भारी तबाही की सूचना है।

टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक की नैलचामी पट्टी के थार्ती गांव में गुरुवार देर रात करीब डेढ़ बजे बादल फटने से एक मकान मलबे में समा गया, जिससे घर में रह रही सुमन बुटोला की पत्नी मकानी देवी (30) और छह वर्षीय बेटे सुरजीत की मौत हो गई। 12 वर्षीया पुत्री सपना घायल हो गई। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नैलचामी क्षेत्र में सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि भी मलबे की भेंट चढ़ गई। मूलगढ़-थार्ती मोटर मार्ग ठेला के पास यातायात के लिए अवरुद्ध हो गया। ठेला और थार्ती गांव की विद्युत आपूर्ति ठप हो गई।

देर रात को अगस्त्यमुनि में मूसलाधार बारिश हुई। जिससे कई दुकानों और घरों में मलबा घुस गया। इतना हीं नहीं कई वाहन मलबे में दब गए। जिस कारण वाहनों को नुकसान पहुंचा है। गुरुवार देर रात स्थानीय लोगों ने करीब एक बजे कंट्रोल रूम को फोन से घटना की सूचना दी थी, लेकिन खबर लिखे जाने तक वहां प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा।

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