उत्तराखंड में बारिश का कोहराम, पहाड़ों पर हुआ भूस्खलन

देहरादून। प्रदेश के पांच जिलों में बुधवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। आज सुबह देहरादून में कुछ हिस्सों में बारिश हुई। ऋषिकेश, विकासनगर में भी हल्की बारिश हुई। रुद्रप्रयाग समेत जनपद के अन्य हिस्सों में सुबह से रुक-रुककर बारिश हो रही है। केदारनाथ धाम में भी सुबह हल्की बारिश हुई। यहां चारों तरफ कोहरा छाया हुआ है। गढ़वाल और कुमाऊं के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए रहे। वहीं कई इलाकों में रिमझिम बारिश का दौर जारी है।

मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राजधानी देहरादून समेत पांच जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है। बारिश के चलते  पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन से सड़कें बंद होने और खोलने का सिलसिला जारी है। पिथौरागढ़ जिले में घाट पर हाईवे में मलबा आने से वाहन फंसे हुए हैं। चंपावत में धौन और स्वाला में हाईवे में भूस्खलन में रास्ता बंद हो गया है। बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे सुचारु हैं। केदारनाथ हाईवे बांसवाड़ा के पास मंगलवार से बंद है

भारी बारिश की चेतावनी के बाद जिलाधिकारी ने देहरादून और पिथौरागढ़ जिले के कक्षा एक से 12 तक के सभी स्कूलों में आज के अवकाश की घोषणा की है। उत्तराखंड में पांच जिलों में आज भारी बारिश हो सकती है। मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार राजधानी देहरादून समेत पांच जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है।

इस दौरान उत्तरकाशी, चमोली, नैनीताल और चंपावत जिलों में बारिश के आसार हैं। वहीं, प्रदेश के अन्य इलाकों में भी बारिश हो सकती है। मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि राजधानी देहरादून में ज्यादातर इलाकों में बादल छाए रहने और बारिश होने के आसार हैं। कुछ इलाकों में गरज और चमक के साथ दो से तीन दौर बौछारें पड़ सकती है।

मंगलवार को मूसलाधार बारिश से जिले में जहां-तहां सड़कें बंद रहीं। पिथौरागढ़ जिले में धारचूला गलाती और नारायण आश्रम वाली सड़क समेत 16 सड़कें बंद हैं। जबकि बागेश्वर जिले में 18 सड़कें मलबे से बंद हैं चंपावत जिले में चार और अल्मोड़ा जिले में एक सड़क बंद है जबकि दो सड़कों को खोल दिया गया।

इधर, टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे सोमवार शाम चार घंटे खुलने के बाद देर रात 10.28 बजे फिर बंद हो गया। स्वांला मंदिर के पास आई भारी चट्टानों से आवाजाही बंद हो गई। सुबह 4.45 बजे धौन में भी मलबा आने से मार्ग बंद हो गया। इससे टनकपुर में होने वाला बहुउद्देश्यीय शिविर स्थगित करना पड़ा।

कुछ लोगों ने सूखीढांग-डांडा-मीडार सड़क से टनकपुर और चंपावत के बीच आवाजाही की। चंपावत जिले की चार ग्रामीण सड़कें अब भी बंद हैं, जबकि पांच सड़कें मंगलवार को बंद होने बाद खोल दी गईं। मलबा आने से टनकपुर-चंपावत मार्ग मंगलवार सुबह से बंद रहा। पर्वतीय मार्ग पर जाने वाले वाहनों को ककरालीगेट बैरियर से लौटा दिया गया। टनकपुर-पूर्णागिरि मार्ग भी किरोड़ानाले के ऊफान में आने और बाटनागाड़ में भारी मलबा आने से पांच घंटे बंद रहा।

उधर, मंगलवार को बागेश्वर जिले में 18 से अधिक सड़कें कई जगहों पर बंद हो गईं। अल्मोड़ा जिले में द्वाराहाट का बाड़ीकोटी-खुलड़ी मोटर मार्ग बंद है। जाल-लखनाड़ी और पपरसली-बल्टा मोटर मार्ग सुबह कुछ देर बंद हुए थे। बागेश्वर जिले में उडियार के खिरखेत और ओलियाबांज के पुल टूट गए। वहां कई किमी सड़क बह गई। कन्यालीकोट, केकलासेरा में मलबे से दबकर दो बकरियां मर गईं। गरुड़ में दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए।

बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था कराते वक्त चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी का एक पैर करंट से झुलसा गया। वहीं, बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के दौरान कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण गिरने से चोटिल हो गए। उनकी कमर में चोट लगी है।

शारदा नदी का जलस्तर मंगलवार सुबह बढ़ने से शारदा बैराज पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। करीब छह घंटे बाद बैराज के दोनों ओर फंसे वाहनों को रवाना किया गया। बनबसा क्षेत्र में पिछले चौबीस घंटों 272 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। खटीमा में जगबूड़ा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया। खटीमा क्षेत्र में पिछले 24 घंटों में 138 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

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