व्यावसायिक शिक्षा के लिए प्रदेश में 200 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों का चयन किया गया है। इन विद्यालयों में कक्षा नौ से 12वीं तक छात्रों को विभिन्न व्यावसायिक कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार ब्यूटी एंड वेलनेस, प्लंबर, रिटेल, हॉस्पीटेलिटी, इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर जैसे कोर्स का चयन कर चुकी है। भविष्य में हॉटीकल्चर और फ्लोरीकल्चर कोर्स भी इसमें शामिल किए जाएंगे। इस संबंध में समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रस्ताव को मंजूरी के लिए प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा।
प्रदेश में कौशल विकास पर सरकार का पूरा जोर होने के बावजूद हर साल दस हजार छात्र व्यावसायिक शिक्षा के लाभ से वंचित होने को मजबूर हैं। शिक्षा महकमा इस योजना को लागू करने के लिए व्यावसायिक पार्टनर का चुनाव नहीं कर पा रहा है। वहीं योजना के तहत दो नए कोर्स हॉर्टीकल्चर और फ्लोरीकल्चर जोड़ने का निर्णय सरकार ने किया है। इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार है।
खास बात ये है कि व्यावसायिक योजना पिछले पांच सालों से लागू नहीं हो पाई है। पिछली कांग्रेस सरकार ने क्रियान्वित करने में ज्यादा रुचि नहीं ली। अब भाजपा सरकार भी केंद्र की मोदी सरकार के कौशल विकास के तहत शुरू की गई व्यावसायिक शिक्षा को अमलीजामा नहीं पहना पा रही है। इसके लिए ट्रेनिंग पार्टनर का चयन नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में पत्रावली शासन में ही डंप है। हर साल हजारों छात्रों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। हालांकि नैनीताल व देहरादून जिले के दस राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में लेंड ए हैंड इंडिया फाउंडेशन की ओर से मल्टी स्किलिंग कोर्स संचालित किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में फिलहाल योजना को लागू करने में सरकार के हाथ-पांव फूले हैं। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि व्यावसायिक शिक्षा योजना को जल्द अमल में लाया जाएगा।
उत्तराखंड में हार्टिकल्चर मार्केटिंग बोर्ड को सरकार सक्रिय करने जा रही है। इसके तहत राज्य में स्थित उद्यान विभाग के 94 बागीचे मार्केटिंग बोर्ड को सौंपे जाएंगे। उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने शुक्रवार को विधानसभा में आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस पहल का मकसद औद्यानिकी फसलों के लिए मजबूत आधारभूत संरचना, गुणवत्तापरक उत्पादन और कृषकों को वेल्यू एडीशन के जरिए उत्पाद का बेहतर दाम मुहैया कराना है। इसमें उत्तराखंड के सेब पर खास फोकस कर इसे ब्रांड के रूप में स्थापित किया जाएगा।
उद्यान मंत्री उनियाल के मुताबिक उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि सेब उत्पादकों को इस साल 15 जुलाई तक हर हाल में 2.5 लाख बॉक्स (सेब की खाली पेटियां) 50 फीसद सब्सिडी पर मुहैया कराई जाएं। गत वर्ष 1.84 लाख पेटियां उपलब्ध कराई गई थीं।
उद्यान मंत्री ने टिहरी जिले के नौथा में एग्रो क्लस्टर का कार्य प्रभावी ढंग से करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही 31 मार्च तक निर्धारित लक्ष्य के अनुसार चल रहे कार्यों के लिए पांच करोड़ की राशि का भुगतान करने को कहा। इसके पश्चात केंद्र सरकार से इस योजना में राज्य को 10 करोड़ की सब्सिडी प्राप्त होगी। उन्होंने यह भी कहा कि एग्रो क्लस्टर में किसी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।
उद्यान मंत्री के मुताबिक समीक्षा बैठक में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के मद्देनजर इंटीग्रेटेड कोर चेन प्रोजेक्ट पर भी चर्चा हुई। इस प्रोजेक्ट के तहत सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अवस्थापना विकास संबंधी कार्य होंगे। इसके तहत कोल्ड सेंटर व कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र से 10 करोड़ की सब्सिडी प्राप्त होगी।