उत्तराखंड सरकार देगी अखाड़ा परिषद व मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष समेत दो अन्य को वाई श्रेणी की सुरक्षा

शनिवार को ही श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने हिन्दुस्तान से बातचीत में कहा कि बीते माह देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के साथ हुई बैठक में अखाड़ों की सुरक्षा का मुद्दा पुरजोर ढंग से उठाया गया था। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि शनिवार सुबह ही उनकी मुख्यमंत्री के साथ फोन पर बातचीत हुई। मुख्यमंत्री ने उन्हें तीनों श्रीमहंतों को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने और सभी अखाड़ों में दो-दो गनर देने के आदेश जारी करने की बात कही है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि नागरिक संसोधन को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा प्रायोजित लगती है। सरकार को इसकी तह में जाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। नागरिक संसोधन बिल को लेकर जो लोग भ्रांतिया फैला रहे हैं उनके खिलाफ सरकार को सख्ती बरतनी चाहिए। दिल्ली की हिंसा के पीछे आतंकी साजिश की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

उत्तराखंड सरकार बहुत जल्द अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी, महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी और श्री निरंजनी अखाड़े के सचिव व मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी को वाई श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराने जा रही है। हरिद्वार में शनिवार को हिन्दुस्तान से बातचीत में श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार सभी तेरह अखाड़ों को भी सुरक्षा देने की मांग को पूरा कर रही है।

श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि गंगनहर निर्माण के दौरान सिंचाई विभाग ने पंचायती निरंजनी अखाड़े की जमीन वाहनों को खड़ा करने को ली थी। इसका एग्रीमेंट भी किया गया था। लेकिन सालों पुराना एग्रीमेंट कहीं गुम हो गया। और सिंचाई विभाग अखाड़े की जमीन को खाली नहीं कर रहा था। अब सिंचाई विभाग के रूड़की कार्यालय से एग्रीमेंट की पक्की नकल निकाल ली गई है। सिंचाई विभाग को जमीन खाली कर उसे अखाडे के सुपुर्द कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अखाड़े की जमीन पर दो सरकारी कार्यालय बने हुए हैं। इन्हे सरकार तत्काल खाली कराए जिससे कुंभ 2021 में इस जमीन पर नागा सन्यासियों के ठहरने की व्यवस्था की जा सके।

समय रहते अतिक्रमण हटाए सरकार
श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि सरकार को प्रयागराज की तर्ज पर सरकार को कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को अमलीजामा पहनाना चाहिए। बाजार और अखाड़ों के समीप से अतिक्रमण बगैर किसी भेदभाव के हटाया जाना चाहिए। क्योंकि कुंभ के दौरान श्रद्धालओं का रूख अखाड़ों की ओर ही रहता है। ऐसे में यातायात व्यवस्था तभी दुरुस्त रहेगी जब समय रहते अतिक्रमण हटाया जायेगा। कहा कि समय की कमी को देखते हुए सीवर लाइन और भूमिगत बिजली लाइन का काम युद्ध स्तर पर किया जाना चाहिए।

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