सभी कोरोना वारियर्स का बीमा करेगी उत्तराखंड सरकार – मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

प्रदेश में कोरोना वायरस को रोकने के काम में लगे स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ, पुलिस, होमगार्ड, पर्यावरण मित्र, पर्यावरण मित्र (स्वच्छता कर्मी), ड्राइवर, मीडिया कर्मी व अन्य गैर सरकारी कर्मचारी को सरकार ने कोरोना वारियर्स घोषित किया है। इन कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने जीवन बीमा करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है।

नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के लिए रात दिन ड्यूटी पर तैनात कोरोना वारियर्स को उत्तराखंड सरकार सुरक्षा कवच देगी। सरकार इन वारियर्स का जीवन बीमा करेगी। बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सदन में यह घोषणा की है। जीवन बीमा का लाभ उन सभी सरकारी और गैर सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा जो कोरोना की रोकथाम के लिए काम कर रहे हैं।

इसके अलावा सरकार कोरोना की रोकथाम में लगे कर्मचारियों को अन्य सुविधाएं देने पर भी विचार कर रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम में लगे सरकारी व गैर सरकारी कर्मचारियों को कोरोना वारियर्स घोषित कर जीवन बीमा कराने का फैसला लिया है। उन सभी कर्मचारियों को बीमा का लाभ मिलेगा, जो कोरोना वायरस को रोकने के काम में लगे हैं। चाहे वे सरकारी कर्मचारी हैं या नहीं। सरकार की कोशिश है कि कोरोना वारियर्स को अधिक से अधिक सुविधाएं दी जाएं।

प्रदेश के समस्त सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में फीस जमा करने पर शासन ने रोक लगा दी है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से समस्त जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है। प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए समस्त सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद है।

इसके बावजूद कुछ स्कूलों की ओर से अभिभावकों पर फीस जमा कराने के लिए दबाव बनाया जारहा है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक कुछ अशासकीय और प्राइवेट स्कूलों की ओर से इस तरह का दबाव बनाने की शिकायत मिली है। प्रदेश में लॉकडाउन के चलते सभी स्कूल बंद है।

ऐसे में इस तरह फीस जमा कराने के लिए कहां जाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीबीएसई, आईसीएसई, राज्य एवं अन्य बोर्ड द्वारा संचालित समस्त सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों को फीस जमा कराने पर रोक लगा दी गई है। स्थिति सामान्य होने और स्कूल खोलने के बाद ही फीस जमा कराने की कार्रवाई की जाए। शिक्षा सचिव ने जिलाधिकारियों को आदेश का कड़ाई से पालन कराने को कहा है।

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