उत्तराखंड सरकार ने व्यावसायिक वाहनों का छह माह का टैक्स किया माफ, एक लाख ट्रांसपोर्टरों को बड़ी राहत
कोरोना की दूसरी लहर के अप्रैल में चरम पर आने पर सरकार ने न सिर्फ अंतरराज्यीय परिवहन पर रोक लगा दी थी, बल्कि शहरों में कोरोना कफ्र्यू लागू होने पर व्यावसायिक वाहनों का संचालन बंद हो गया था। इसके अलावा इस बार यात्रा व पर्यटन सीजन भी सामान्य नहीं रहा। परिवहन कारोबारी गुजरे तीन महीने से सरकार से टैक्स में छूट मांग रहे थे। ऐसा नहीं होने पर जून व जुलाई में हजारों की संख्या में व्यावसायिक वाहनों के परमिट सरेंडर कर दिए गए थे। कारोबारियों के दबाव को देखते हुए परिवहन विभाग ने सरकार को तीन महीने की टैक्स माफी का प्रस्ताव भेजा था। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विचार-विमर्श के बाद प्रदेश के मौजूदा हालात को देखते हुए छह महीने का टैक्स माफ करने के आदेश दिए। इसके बाद परिवहन सचिव डा. रणजीत सिन्हा ने बुधवार शाम इस संबंध में आदेश जारी कर दिए।
इस वर्ष अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर के कारण पर्यटन और परिवहन कारोबार पर पड़ी चोट को देखते हुए राज्य सरकार ने लगभग एक लाख ट्रांसपोर्टरों को बड़ी राहत दी है। राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के छह माह का टैक्स माफ कर दिया है। जो एक अप्रैल से 30 सितंबर तक का होगा। यह निर्णय सिर्फ राज्य मं पंजीकृत व्यावसायिक यात्री वाहनों पर लागू होगा। भार वाहन इसमें सम्मिलित नहीं हैं। इससे सरकार पर करीब 66 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। इसके अलावा सरकार ने यात्री वाहनों को 31 मार्च 2022 तक सभी तरह के विलंब शुल्क से भी छूट देने का फैसला किया है। जिससे सरकार पर तकरीबन छह करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आएगा।
सरकार ने व्यावसायिक यात्री वाहनों को छह माह की अवधि के लिए सभी तरह के विलंब शुल्क से भी राहत दी है। जिसके तहत एक अक्टूबर-21 से 31 मार्च-22 तक पंजीकरण प्रमाण पत्र, फिटनेस, परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस आदि के नवीनीकरण पर विलंब शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
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