उत्तराखंड सरकार ने आरटी-पीसीआर और और रैपिड एंटीजन टेस्ट की दरें घटाईं

उत्तराखंड सरकार ने आरटी-पीसीआर और और रैपिड एंटीजन टेस्ट की दरें घटाईं

प्रदेश सरकार ने आरटी-पीसीआर और रैपिड एंटीजन सैंपल जांच की दरें घटा दी हैं। इस संबंध में शासन की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है। जिसमें सरकारी और निजी अस्पतालों से भेजे जाने वाले कोविड सैंपल की जांच दर को 1400 से घटाकर 850 रुपये किया गया है।

कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सैंपलिंग बढ़ाने को सरकार ने जांच दरें घटा दी हैं। आरटी-पीसीआर टेस्ट में 550 से 600 रुपये और रैपिड एंटीजन टेस्ट के शुल्क में 40 रुपये की कटौती की गई है। निजी प्रयोगशालाओं में कोविड की जांच करने वालों को दरें घटने से राहत मिलेगी।

जबकि निजी प्रयोगशाला की ओर से लिए जाने वाले सैंपल की जांच दर को 1500 रुपये से घटा कर 900 रुपये प्रति सैंपल तय किया गया है। इसी तरह रैपिड एंटीजन टेस्ट की दर को 719 से घटा कर 679 रुपये प्रति सैंपल कर दिया गया है।

बता दें कि प्रदेश सबसे पहले सरकार ने आरटी-पीसीआर जांच की दरें 2000 व 2400 रुपये प्रति सैंपल तय की थीं। आठ अक्तूबर को सरकार ने इन दरों को कम कर दिया। तब आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए तीन दरें तय की गईं। सरकारी व निजी अस्पतालों से लैब में भेजे वाले सैंपलों की जांच दर 1400 रुपये थी।

जबकि मैदानी हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून जिला मुख्यालय, विकासनगर, ऋषिकेश, डोईवाला, सहसपुर, नैनीताल जिले के हल्द्वानी, रामनगर, कालाढुंगी, लालकुआं क्षेत्र के लिए 1500 रुपये प्रति सैंपल और पर्वतीय क्षेत्रों में सैंपल जांच की दर 1680 रुपये निर्धारित की गई थी।

अब सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों के लिए भी मैदानी क्षेत्रों के समान जांच दरें तय कर दी हैं। आदेश के अनुसार कोविड जांच के लिए अधिकृत निजी पैथोलॉजी लैब यदि निर्धारित दरों से अधिक शुल्क लेती हैं तो उनके खिलाफ कोविड एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

आशारोड़ी में बंद हुई आरटीपीसीआर जांच

देहरादून के आशारोड़ी बैरियर पर दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की आरटीपीसीआर जांच बंद कर दी गई है। जांच में और उसके बाद आ रही व्यावहारिक दिक्कतों के चलते यह फैसला लिया गया है। अब लोगों की केवल एंटीजन जांच ही की जा रही है।

दिल्ली समेत कुछ अन्य राज्यों में कोरोना के मामलों में वृद्धि के बाद आशारोड़ी बैरियर पर कुछ दिन पूर्व जांच दोबारा शुरू की गई। लेकिन अब आरटीपीसीआर जांच बंद करने का फैसला लेना पड़ा। दरअसल आरटीपीसीआर जांच के बाद रिपोर्ट ना आने तक संबंधित व्यक्ति को क्वारंटीन रखना पड़ता है।

इसके चलते कम समय के लिए, शादी विवाह या आयोजन में शामिल होने या घूमने के लिए आ रहे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। कई लोग गाड़ी बुक कराकर पहुंच रहे हैं। ऐसे में उनको क्वारंटीन किया जाना भी संभव नहीं था। इस तरह की दिक्कतें सामने आने के बाद से आरटीपीसीआर जांच बंद कर दी गई है। अब आशारोड़ी बैरियर पर केवल एंटीजन जांच हो रही है।

जांच के दौरान और बाद में बिगड़ रही लोगों की तबीयत

कोरोना की जांच के दौरान और बाद में भी कई लोगों की तबीयत बिगड़ रही है। कई लोगों को ब्लीडिंग, एंजाइटी, उल्टी और दौरे पड़ने की समस्या हो रही है। बुधवार को भी कई लोगों को इस तरह की समस्या हुई, जिसके बाद डॉ. एमएस रावत और उनकी टीम ने उनका उपचार किया।

कोरोना मरीजों की जांच के लिए सैंपल लेने के दौरान ब्लीडिंग और उल्टी जैसी दिक्कतें हो रही हैं। इसके अलावा जांच के दौरान और बाद में लोग एंजाइटी के शिकार भी हो रहे हैं। कई लोगों को डर के चलते घबराहट भी हो रही है।

वहीं, अन्य बीमारियों से जूझ रहे कुछ लोगों को दौरे भी पड़ रहे हैं। डॉ. एमएस रावत ने कहा कि कई बार इस तरह की दिक्कतें होती हैं, इसलिए जांच के दौरान डॉक्टर का होना बेहद जरूरी है।

जांच कर रही टीम के पास थर्मल स्कैनर तक नहीं

आशारोड़ी में जांच कर रही टीम के पास थर्मल स्कैनर तक नहीं है। वहीं, प्राइवेट टीम बिना डॉक्टर के ही जांच कर रही है। इससे जांच पर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं।

जांच कराने को तैयार नहीं कई लोग 

बॉर्डर पर कई लोग ऐसे भी आ रहे हैं, जो जांच कराने को बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं। बुधवार को भी ऐसे कई लोग पहुंचे, जिन्होंने पहले जांच कराने से इनकार कर दिया। हालांकि बाद में जब पुलिस ने बिना जांच के प्रवेश ना देने की बात कही, तब उन्होंने टेस्ट कराए।

इनमें ज्यादातर वो लोग शामिल थे, जिनमें किसी तरह के लक्षण नहीं थे। उन लोगों का कहना है कि जब उन्हें कोई दिक्कत ही नहीं है तो जांच क्यों की जा रही है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे, जिनको कुछ देर बाद ही लौटना था। उन लोगों ने भी जांच ना करने की बात कही।

टॉयलेट न होने से भी परेशानी 

आशारोड़ी बैरियर पर जांच के लिए लोगों को काफी समय इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में वहां टॉयलेट न होने से भी लोगों को परेशानी हो रही है। विशेषकर महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने जांच कर रही टीम और पुलिसकर्मियों को भी अपनी दिक्कतें बताई।

सहारनपुर, मेरठ वालों की नहीं हो रही जांच

उत्तर प्रदेश सीमा से सटी देहरादून की आशारोड़ी चेकपोस्ट पर दिल्ली, गाजियाबाद, आगरा व पंजाब से आने वाले लोगों की सख्ती से कोविड जांच रिपोर्ट की जा रही है। लेकिन, सहारनपुर, मेरठ व यूपी के अन्य नजदीकी शहरों से आने वाले लोगों को  बेरोकटोक प्रवेश दिया जा रहा है।

हैरानी की बात यह है कि इनकी थर्मल स्कैनिंग तक नहीं की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम के पास थर्मल स्कैनर मौजूद नहीं है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी इसकी जिम्मेदारी पुलिस पर थोपते नजर आए। पुलिस भी जिम्मेदारी लेने से बच रही है।

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