सभी शिक्षकों को जल्द इंक्रीमेंट देने की तैयारी में उत्तराखंड सरकार
संघ के प्रांतीय महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला ने सिलसिलेवार सभी मुद्दों को सचिव के समक्ष उठाया। चयन-प्रोन्नत वेतनमान पर एक इंक्रीमेंट के विवाद पर माजिला ने तफ्सील से सचिव के समक्ष बात रखी। कहा कि वर्ष 2016 में इंक्रीमेंट देने का निर्णय किया गया था। उसके बाद वर्ष 2019 में इनकार कर दिया गया। फिर शिक्षकों से रिकवरी हो रही है। नियमानुसार सभी शिक्षक हर चयन-प्रोन्नत वेतनमान पर इंक्रीमेंट के पात्र हैं। पूर्व में हुई कई बैठकों में वित्त विभाग के अधिकारी इस पर सहमति भी जता चुके हैं। सचिव ने कहा कि यह विषय अभी वित्त विभाग के विचाराधीन है। इसका फालोअप कराया जाएगा।
उत्तराखंड प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर प्रमोशन के लिए हेडमास्टर को पांच साल की सेवा की अनिवार्य से रियायत मिल सकती है। शिक्षा विभाग हेडमास्टर को प्रमोशन में शिथिलीकरण का प्रस्ताव कैबिनेट में लाएगी। शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षीसुंदरम ने राजकीय शिक्षक संघ पदाधिकारियों के साथ वार्ता में यह आश्वासन दिया। साथ ही कनिष्ठ और वरिष्ठ की वेतन विसंगति को दूर करने के लिए सभी शिक्षकों को जनवरी माह में इंक्रीमेंट की सुविधा देने पर भी सहमति बनी है। शिक्षा विभाग इस प्रस्ताव को वित्त विभाग को भेज रहा है। सोमवार को सचिवालय में शिक्षा सचिव के कार्यालय में आयेाजित बैठक में माध्यमिक शिक्षकों के पांच प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।
कनिष्ठ-वरिष्ठ वेतन विसंगति पर भी सचिव ने कहा कि इसका आदेश संशोधित करने के लिए वित्त विभाग से अनुमति ली जा रही है। मालूम हो कि वर्तमान में कुछ शिक्षकों को जनवरी और कुछ को जुलाई में इंक्रीमेंट मिलता है। इसके कई स्थानों पर कनिष्ठ का वेतन ज्यादा हो गया है। सचिव ने इस मामले केा गंभीर विषय मानते हुए जल्द उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। बैठक में शारारिक शिक्षा को विषय के रूप में शामिल करने पर सहमति बनी। सचिव ने बैठक में मौजूद उपनिदेशक-माध्यामिक हरेराम यादव को दोबारा प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
साथ ही बेसिक से एलटी में समायेाजित हुए शिक्षकों को चयन-प्रोन्नत वेतनमान में पूर्व की सेवाओं का लाभ देने पर भी संघ ने सहमति जताई। माजिला ने कहा कि कुछ शिक्षक कोर्ट के आदेश पर इसका लाभ ले रहे हैं। एक सामान्य जीओ कर सभी को इसका लाभ दे दिया जाना चाहिए।बैठक में संयुक्त सचिव जे एल शर्मा, डिप्टी सेक्रेटरी अनिल पांडे, अंडर सेक्रेटरी शिवविभूति रंजन, संघ की ओर से सुंदर कुंवर और ,अनुज चौधरी भी शामिल रहे।
बैठक में शिक्षकों ने सचिव के सामने तबादला सत्र होने की वजह से आ रही परेशानी को भी रखा। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि आज कई अधिकारियों का तबादला किया गया है। ऐसे में शिक्षकों को भी लाभ मिलना चाहिए। सचिव ने स्थिति साफ करते हुए कहा कि अधिकारियों का केवल दायित्व-पटल परिवर्तन हुआ है। कोरोना की वजह से सरकार ने तबादला सत्र को शून्य किया है। यह जरूर है कि जरूरतमंद शिक्षकों को तबादला ऐक्ट की धारा-27 के तहत तबादले का लाभ अवश्य दिया जाएगा।