उत्तराखंड सरकार ने कोरोना की मार से पयर्टन सेक्टर को उबारने को दिया त्योहार का तोहफा
अनलॉक पांच के बाद सितंबर में पर्यटन सेक्टर थोड़ा संभलना शुरू हुआ। अक्तूबर में स्थिति कुछ और बेहतर हो रही है। इस सेक्टर से जुड़े लोगों को फेस्टिवल सीजन में कारोबार पूरी तरह पटरी पर आने की उम्मीद है। उम्मीद के इस माहौल में थोड़ा और उत्साह भरने के लिए सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट में पर्यटन कर्मचारियों को एक-एक हजार रुपये की मदद देने का फैसला लिया। इस मदद के दायरे में होटल, रेस्तरां, गाइड, रॉफ्टिंग से जुड़े लोगों के साथ ही टूरिज्म-ट्रेवल सेक्टर से जुड़े व्यावसायियों को राहत मिलेगी।
उत्तराखंड सरकार ने पर्यटन सेक्टर को कोरोना की मार से उबारने के लिए एक और सहारा दिया है। सरकार ने पर्यटन सेक्टर से जुड़े कर्मचारियों को दिवाली से पहले एक हजार रुपये का तोहफा देने का फैसला लिया है। ये पैसा डीबीटीएल के जरिए सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचेगा। कोरोना महामारी के चलते तमाम उद्योग-धंधों के साथ ही पर्यटन सेक्टर भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। उत्तराखंड में 22 मार्च के बाद लागू लॉकडाउन के बाद अगस्त तक पर्यटन कारोबार पूरी तरह चौपट था।
बड़े संस्थानों के साथ छोटे ढाबों में काम करने वाले भी इसके दायरे में आएंगे। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि इस योजना के लाभार्थियों की सूची सभी जिलों के डीएम ने बनाई है। पर्यटन विभाग इसी सूची के अनुसार जिला प्रशासन को बजट उपलब्ध करा रहा है। इससे जिला प्रशासन एक हजार रुपये की मदद सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचाएगी।
फीस माफी का दायरा बढ़े बीच कैंपों को मिले मंजूरी
गंगा नदी रॉफ्टिंग रोटेशन समिति टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष दिनेश भट्ट ने कहा कि इस मदद के साथ ही पर्यटन विभाग को पांच साल की फीस भी माफ करनी चाहिए। गंगा नदी के किनारे बीच कैंपों की भी मंजूरी मिलनी चाहिए। कैंपिंग पर सरकार लंबे समय से फैसला नहीं ले रही है। इसके चलते इससे जुड़े कारोबारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। कैंपिंग को मंजूरी देने से ही कारोबार तेजी से पुरानी रंगत में लौट सकता है।
ईएसआई से की जाए 50% वेतन भुगतान की व्यवस्था
उत्तराखंड होटल एसोसिएशन ने सरकार द्वारा दोबारा एक हजार रुपये की मदद देने के फैसले का स्वागत किया। एसोसिएशन अध्यक्ष संदीप साहनी ने सरकार से रियायतों का दायरा बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि वेतन का 50 प्रतिशत भुगतान ईएसआई या पीएफ फंड से किया जाए। उन्होंने बार लाइसेंस फीस पूरे साल के लिए माफ करने की मांग की। बैंकों के लोन का ब्याज भी स्थगित किया जाए।
अनलॉक पांच के बाद सितंबर में पर्यटन सेक्टर थोड़ा संभलना शुरू हुआ। अक्तूबर में स्थिति कुछ और बेहतर हो रही है। इस सेक्टर से जुड़े लोगों को फेस्टिवल सीजन में कारोबार पूरी तरह पटरी पर आने की उम्मीद है। उम्मीद के इस माहौल में थोड़ा और उत्साह भरने के लिए सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट में पर्यटन कर्मचारियों को एक-एक हजार रुपये की मदद देने का फैसला लिया। इस मदद के दायरे में होटल, रेस्तरां, गाइड, रॉफ्टिंग से जुड़े लोगों के साथ ही टूरिज्म-ट्रेवल सेक्टर से जुड़े व्यावसायियों को राहत मिलेगी।
बड़े संस्थानों के साथ छोटे ढाबों में काम करने वाले भी इसके दायरे में आएंगे। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि इस योजना के लाभार्थियों की सूची सभी जिलों के डीएम ने बनाई है। पर्यटन विभाग इसी सूची के अनुसार जिला प्रशासन को बजट उपलब्ध करा रहा है। इससे जिला प्रशासन एक हजार रुपये की मदद सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचाएगी।