संकट के इस समय में सर्वाधिक भार स्वास्थ्य और सुरक्षकर्मियों पर है। लॉकडाउन का अनुसरण कराने को जगह-जगह सड्कों पर, क्वारंटाइन सेंटर और लोगों तक मदद पहुंचाने में सुरक्षा कर्मियों को ही व्यवस्था संभालने के लिए लगाया गया है। सुरक्षा कर्मी दिन रात पूरी निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। ऐसे में मैन पॉवर बढ़ाने के लिए और सुरक्षाकर्मियों की जरूरत है। जिसके लिए शिक्षा मंत्री ने अपने स्तर से पहल की थी। जाे कामयाब हो रही है। उनकी पहल का असर अन्य माननीयों पर भी पड़ा है।
कोरोना वायरस के संकट में शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय की पहल का बेहतर परिणाम देखने के लिए मिल रहा है। उन्होंने अपने निजी सुरक्षा कर्मियों को कोरोना वारियर्स की ड्यूटी में लगाने के लिए डीजीपी को पत्र भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। उन्हीं का अनुसरण करते हुए कई दर्जाधारियों ने भी अपनीे अपने निजी सुरक्षा कर्मियों को रिलीज कर दिया है। बता दें कि अब करीब 26 गनर ने अपनी आमद दर्ज करा चुके हैं।
शिक्षामंत्री ने गुरुवार को डीजीपी को फोन कर कहा था कि कोरोना वायरस के संकट को दूर करने के लिए हम सब लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। इसके लिए अधिक से अधिक संसाधन का प्रयोग किया जा रहा है। जनता, सरकार व देश हित को ध्यान में रखकर निजी सुरक्षाकर्मियों को वापस भेजने का निर्णय लिया है। इस संबंध में डीजीपी को पत्र भी भेजा गया। बताया कि डीजीपी ने एसएसपी यूएस नगर को भी सुरक्षाकर्मियाें को वापस बुलाने की बात कही थी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सामुदायिक भावना के अनुरूप राष्ट्रीय आपदा के दौरान वर्तमान परिस्थितियों में जितने ज्यादा सहायक हाथ होंगे, उतना ही सहायतार्थ, रोकथाम व बचाव के कार्यों में और अधिक सहयोग होगा। शिक्षा मंत्री को छह गनर का एस्कार्ट मिला हुआ है।
लॉकडाउन के चलते वीआईपी अपने घर में कैद हैं। इसी लिहाज से पुलिस अफसरों ने गनर वापसी की मौखिक अपील भी की थी। जिसके बाद वीआईपी आगे आए। सबसे पहले प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अपनी एस्कॉर्ट वापस देकर इसकी पहल की। धीरे-धीरे दर्जा धारी और दूसरे वीआईपी भी इस राह पर चल पड़े हैं। शनिवार तक 26 गनर ने पुलिस लाइन में अपनी आमद करा दी थी। कई अन्य महानुभाव ने भी गनर वापसी को लेकर पुलिस अधिकारी से संपर्क किया है। बताया जा रहा है पुलिस लाइन में वापस आए इन सुरक्षा कर्मियों को थानों में तैनात किया जा रहा है, जहां पर पुलिस बल की कमी है। बल बढ़ने के साथ ही पुलिस की कार्य क्षमता भी बढ़ेगी।