कोविड में अनाथ हुए छात्रों को स्कालरशिप देगा यूपीईएस
यूपीईएस ने इस योजना का नाम ‘वी केयर स्कालरशिप’ रखा है। विवि वी केयर स्कॉलरशिप को पहले से संचालित कर रहा है। कोविडकाल की फीस माफी इसी योजना का एक हिस्सा है। यह छात्रवृत्ति कार्यक्रम वर्तमान और नए दोनों छात्रों के लिए एक वर्ष के लिए लागू होगा। यूपीईएस ने फ्रंटलाइन वारियर्स के रूप में डाक्टर, नर्स, नगर निकायों के कर्मचारियों, सेना व अर्धसैनिक और पुलिस बल आदि के बच्चों को यह छूट दी जाएगी। वी केयर स्कॉलरशिप पर यूपीईएस के कुलपति डॉ. सुनील राय ने बताया कि पिछले साल शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य हमारे छात्रों की शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक व वित्तीय सहायता करना है।
यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) ने कोविड महामारी के कारण अपने माता-पिता खोने वाले छात्रों को एक वर्ष तक निश्शुल्क शिक्षा देने का निर्णय लिया है। इतना ही नहीं कोरोना फ्रंटलाइन वारियर्स, नौकरी खोने व कारोबार ठप होने से आर्थिक तंगहाली से गुजर रहे परिवारों के बच्चों को एक वर्ष तक कुल फीस का 20 फीसद माफ करने का निर्णय भी लिया है।
इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम के जरिये हम छात्रों को उनकी निर्बाध शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता देना चाहते हैं। इसके अलावा हमने उन्हें व उनके परिवार के सदस्यों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए 24 प्रशिक्षित परामर्शदाताओं को नियुक्त किया है। छात्र व अभिभावक उनसे कभी भी परामर्श ले सकते हैं।
कोविड से अनाथ छात्रों की मदद को आगे आया विवि
कोरोना महामारी में अनाथ हुए छात्र-छात्राओं की मदद के लिए एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि ने भी हाथ बढ़ाया है। विवि ऐसे अनाथ छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क शिक्षा प्रदान करेगा। विवि के कुलपति प्रो. हेमचंद्र ने इस संदर्भ में गुरुवार को विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेजों के निदेशकों व प्राचार्यों के साथ वर्चुअल बैठक की। उन्होंने सभी मेडिकल, नर्सिंग व पैरामेडिकल संस्थानों के प्राचार्यों को कोविड-19 की रोकथाम के लिए दिए जा रहे सहयोग व कार्यों की सराहना की।
कुलपति ने कहा कि कोरोना से अब तक राज्य में साढ़े छह हजार मरीजों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में भी कोरोना के 25 हजार के लगभग एक्टिव केस हैं। चिकित्सा शिक्षा विवि से संबद्ध कालेजों में आठ हजार के करीब मेडिकल, नर्सिंग व पैरामेडिकल के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। कोविड महामारी के कारण कई छात्र-छात्राओं के माता-पिता की मौत हो चुकी है। ऐसे अनाथ छात्र-छात्राओं को विवि अध्ययन शुल्क में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि संबद्ध कालेज ऐसे छात्र-छात्राओं की हरसंभव मदद करें। उनके लिए निश्शुल्क शिक्षा का प्रविधान किया जाए। कुलपति ने कहा संबद्ध कालेज ऐसे छात्र-छात्राओं को चिह्नित कर उनकी सूची अगले दस दिन में विवि को उपलब्ध कराएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि महामारी से उत्पन्न स्थिति के कारण किसी भी छात्र-छात्रा की पढ़ाई में व्यवधान न पड़े।