उत्तराखंड में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर मिलेगी 10 लाख तक सब्सिडी
इसमें किसान की आम फसल को खाद्य उत्पाद के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए हर जिले के लिए एक फसल और उससे जुड़े उत्पाद तय किए गए हैं। पांच साल में राज्य में 1591 सूक्ष्म-खाद्य उत्पादों का विकास किया जाएगा। उद्यान निदेशक को योजना का राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी बनाया गया है।
किसान-बागवानी की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर पर फोकस करेगी। शुक्रवार को कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल ने विधानसभा स्थित सभागार में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग-उन्नयन योजना की समीक्षा की। इस योजना के तहत फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए सरकार 10 लाख रुपये तक सब्सिड़ी देगी। बैठक के बाद कृषि मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस योजना में केंद्र सरकार 90 फीसदी अंशदान देगी।
2. इंफ्रास्ट्रक्चर: प्रोजेक्ट लागत की 35 प्रतिशत तक आर्थिक सहायता सरकार देगी। 10 लाख रुपये से अधिक के अनुदान के लिए प्रस्ताव पर केंद्र सरकार से मंजूरी ली जाएगी।
3.मार्केटिंग: यदि किसी उत्पादन का सालाना टर्न ओवर पांच करोड़ रुपये तक है तो उसके लिए मार्केटिंग की व्यवस्था की जाएगी। चयनित एजेंसी विपणन और ब्रांडिंग के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए राज्य नोडल एजेंसी पांच लाख रुपये की तक की सहायता करेगी।
गढ़वाल
हरिद्वार – मशरूम
उत्तरकाशी – सेब
देहरादून – बेकरी
पौड़ी – नीबू प्रजाति फल
टिहरी – अदरक
चमोली – मछली
रुद्रप्रयाग – चौलाई
कुमाऊं
नैनीताल – फल जूस- स्क्वैश
चंपावत – तेजपात व मसाले
पिथौरागढ़- हल्दी केंद्रित उत्पाद
यूएसनगर – आम आधारित उत्पाद
अल्मोड़ा – खुमानी
बागेश्वर – कीवी