उत्तराखंड आने के लिए ऐसे कराना होगा रजिस्ट्रेशन नहीं तो No Entry

उत्तराखंड आने के लिए ऐसे कराना होगा रजिस्ट्रेशन नहीं तो No Entry

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण किस कदर विकराल हो रहा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 24 घटे में राज्य में पांच हजार से अधिक नए मरीज मिले हैं। इसके साथ ही राज्य में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 33 हजार के पार पहुंच गई है। शनिवार को 1466 मरीज इलाज के बाद ठीक हुए लेकिन इसके बावजूद राज्य में रिकवरी दर तेजी से घटकर 73 प्रतिशत रह गई है। राज्य में कुल मृतकों का आंकड़ा 2102 हो गया है। जबकि कुल मरीजों की संख्या एक लाख 47 हजार के पार पहुंच गई है।

उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना केसों के बीच तीरथ सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों, प्रवासियों सहित अन्य सभी के लिए स्मार्ट सिटी में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया है। किसी काे भी स्मार्ट सिटी पोर्टल में बिना रजिस्टेशन आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बाहर से आ रहे लोगों को आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने तक उन्हें होम क्वारंटाइन भी रहना होगा। उत्तराखंड के बॉर्डरों पर कोरोना जांच की भी व्यवस्था होगी ताकि संक्रमण को प्रदेश में फैलने से रोका जा सके। सरकार ने जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाए। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते ग्राफ पर लगाम लगाने के लिए कोरोना जांच में तेजी लाई जाए।

राज्य में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी को देखते हुए सरकार ने नई व्यवस्था बनाते हुए रिपोर्ट आने तक आइसोलेशन में रहने की व्यवस्था बना दी है। अभी तक कोरोना जांच रिपोर्ट न आने तक आईसोलेशन की व्यवस्था नहीं थी। इससे मरीज की रिपोर्ट आने तक आवाजाही की इजाजत थी। जिससे संक्रमण फैल रहा था। अब सरकार ने साफ कर दिया है कि यदि किसी व्यक्ति ने कोरोना की आरटीपीसीआर जांच कराई है तो उसे रिपोर्ट आने तक आईसोलेशन में अनिवार्य रूप से रहना होगा।
राज्य में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में मरीज आखिरी स्टेज में अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों को संभालना बहुत मुश्किल हो रहा है और मरीजों की अचानक मौत हो रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोविड के लक्षण दिखाई देने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लें और सांस में दिक्कत होने पर अस्पताल जरूरत आएं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने माना कि राज्य में इस बीच गंभीर मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसे वायरस के नए वेरिएंट के ज्यादा खतरनाक होने की पुष्टि हो रही है।

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