कोरोनाकाल में तीरथ सरकार का बड़ा फैसला, शिक्षकों को स्कूल बुलाने पर लगी रोक

कोरोनाकाल में तीरथ सरकार का बड़ा फैसला, शिक्षकों को स्कूल बुलाने पर लगी रोक

उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने और इंटर मीडिएट बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया। इंटर की परीक्षा पर आगे एक जून को हालात की समीक्षा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। हाईस्कूल के छात्रों को पास करने के मानक अलग से तय किए जा रहे हैं। शिक्षा सचिव ने बताया कि यदि कोई हाईस्कूल का छात्र बोर्ड परीक्षा देने को इच्छुक होगा तो उसे भविष्य में स्थितियां सामान्य होने पर होने वाली परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा।

उत्तराखंड सरकार ने कोरोना काल में स्कूल बंदी के दौरान शिक्षकों को भी स्कूल बुलाने पर रोक लगा दी। सरकार ने साफ किया है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए स्कूलों को बंद किया गया है। ऐसे में शिक्षकों को स्कूल बुलाने से संक्रमण फैलने का खतरा है। शिक्षक अपने घरों से ही अपनी कक्षा-विषयों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखेंगे। शिक्षा सचिव आर.मीनाक्षीसुंदरम ने रविवार को शिक्षा विभाग से जुड़े तीन अहम आदेश किए। उन्होंने बताया कि सरकार ने कोरोना संक्रमण की वजह से 20 अप्रैल से स्कूलों को बंद कर दिया है। इसके बावजूद कई स्कूलों में शिक्षकों को स्कूल आकर ऑनलाइन पढ़ाई कराने का दबाव बनाया जा रहा है। इससे संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी गाइडलाइन का उल्लंघन होने की पूरी संभावना है। शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई को घर से ही जारी रखेंगे।

स्कूल बंदी के दौरान फीस को लेकर भी सरकार ने रविवार को विधिवत आदेश जारी कर दिया। शिक्षा सचिव के अनुसार स्कूल बंद रहने की अवधि में प्राइवेट स्कूल केवल टयूशन फीस लेंगे। जो अभिभावक फीस देने में सक्षम नहीं होंगे, वो स्कूलों से फीस जमा करने के लिए अतिरिक्त समय मांग सकते हैं। लेकिन, किसी भी परिस्थिति में फीस देने में देरी की वजह से छात्र को स्कूल से नहीं हटाया जा सकता। सरकारी, अर्द्धसरकारी अधिकारी-कर्मचारी को अपने बच्चों की फीस को नियमित रूप से अदा करना होगा। मालूम हो कि शिक्षा सचिव ने बीते रोज ही इस आदेश के जारी करने के संकेत दे दिए थे। यह आदेश डे और बोर्डिंग दोनों स्कूलों पर लागू होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *