कोविड इलाज दवाओं की कालाबाजारी पर तीरथ सरकार सख्त
दवाइयों की कीमतों पर भी नियंत्रण रखा जाए और जिन जिलों में ज्यादा मामले आ रहे हैं, वहां नोडल अधिकारी भी तैनात करें। उन्होंने आगे की स्थिति का आंकलन करते हुए उसके अनुसार कोविड अस्पताल बनाने व अधिक से अधिक टेस्टिंग पर फोकस के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि कोविड नियमों का पालन कराने के लिए जनजागरूकता बहुत जरूरी है। किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना है, इसके बारे में विभिन्न माध्यमों से जानकारी दी जाए। बैठक में डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, शैलेश बगोली, एसए मुरुगेशन, महानिदेशक (सूचना) रणवीर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कोविड इलाज की जरूरी दवाइयों की कालाबाजारी किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अफसरों को ऐसे दवा विक्रेताओं को चिन्हित कर उनके लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए। रविवार को सीएम तीरथ ने बैठक में अफसरों को यह निर्देश दिए। विदित है राज्य में रेडमेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी है और कुछ दवा विक्रेता इसकी कालाबाजारी कर रहे हैं। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान लगातार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहा है। सीएम ने कहा कि कोविड से संबंधित सभी जरूरी उपकरण सरकारी अस्पतालों में उपलब्घ होने चाहिए।
मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से प्रदेश की आर्थिकी को भी चोट पहुंच रही है। यह नुकसान किस प्रकार कम से कम किया जा सकता है, इसके लिए भी कार्ययोजना बनाई जाए।
प्रभारी सचिव डा. पंकज पांडे ने बैठक में बताया कि हर जिले में केाविड केयर सेंटर और आईसीयू के बेड बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। विशेष तौर पर देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी में बेड की संख्या काफी बढ़ाई जा रही है। बड़े अस्पतालों व मेडिकल कालेजों को भी 100-100 बेड की अतिरिक्त क्षमता सृजित करने को कहा गया है। देहरादून, रूड़की व काशीपुर में तीन आक्सीजन जनरेशन प्लांट कार्यरत हैं। इनके अतिरिक्त आठ नए आक्सीजन जनरेशन प्लांट लगाए गए हैं। नए डाक्टरों की तैनाती से हर जिले को 20-20 डाक्टर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल छात्रों की सेवाएं प्रशिक्षण देकर ली जा सकती हैं।