सहकारिता विभाग इस वर्ष पंडित दीन दयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत राज्य के 92 हजार किसानों को 601 करोड़ का ऋण वितरित किया
बुधवार को सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत ने विधानसभा में सहकारिता विभाग की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने बहुउद्देशीय पैक्स कंप्यूटराइजेशन, मानव संसाधन नीति बीमा और पंडित दीन दयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना समेत नई बैंक शाखाओं को खोले जाने के संबंध में अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट तलब की। बैठक की जानकारी देते हुए राज्य मंत्री रावत ने बताया कि 15 अक्टूबर के बाद राज्य के सभी जिलों में किसानों को ऋण वितरण करने के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही विभाग द्वारा राज्य के सभी 95 विकासखंडों में भी ऋण वितरण समारोह भी आयोजित किए जाएंगे। बैठक में एनसीडीसी की राज्य प्रमुख दीपा श्रीवास्तव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा राज्य में स्वीकृत 100 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) स्थापित किए जाने की कार्यवाही गतिमान है।
सहकारिता विभाग इस वर्ष अभी तक पंडित दीन दयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत राज्य के 92 हजार किसानों को 601 करोड़ का ऋण वितरित कर चुका है। इसमें अल्पकालीन, मध्यकालीन व स्वयं सहायता समूह द्वारा दिए गए एक लाख, तीन लाख व पांच लाख तक के ऋण शामिल हैं। इसके साथ ही विभाग सभी जिलों में किसानों को 15 अक्टूबर से ऋण वितरित करेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन का कार्य कर रहे आइटीआइ के प्रतिनिधि जीसी राजेश बताया कि नवंबर में यह कार्य शुरू कर दिया जाएगा। डेयरी विभाग के निदेशक ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी दी।
बैठक में निबंधक सहकारिता बीएम मिश्रा, निदेशक दुग्ध विकास विभाग जेएस नगन्याल, महाप्रबंधक नाबार्ड भास्कर पंत, डीजीएम नाबार्ड एसएल बिरला, अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रदेश सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायतों को 31.09 करोड़ जारी किए हैं। 13 जिला पंचायतों के लिए 14.21 करोड़, 95 क्षेत्र पंचायतों के लिए 7.23 करोड़ और 7791 ग्राम पंचायतों के लिए 9.65 करोड़ दिए गए हैं।
वित्त सचिव अमित नेगी ने बुधवार को उक्त धनराशि पंचायतीराज निदेशक को जारी की। चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के मुताबिक चालू वित्तीय वर्ष की छठी मासिक किस्त पंचायतों को दी गई है। आदेश में निदेशक को एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन बिल तैयार कर जिला पंचायतीराज अधिकारी के खाते में धनराशि जारी करने को कहा गया है।
जिला पंचायतीराज अधिकारी इसे पंचायतों को उपलब्ध कराएंगे। इस धनराशि का उपयोग पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय भुगतान में किया जाएगा। अवशेष धनराशि में से 20 फीसद राशि कोरोना महामारी से बचाव को सैनिटाइजर आदि पर खर्च की जाएगी। इसके बाद शेष धनराशि का 50 फीसद जलापूर्ति में खर्च होगा। उक्त धनराशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र 31 अक्टूबर, 2020 तक उपलब्ध कराना होगा। इसके लिए जिला पंचायतीराज अधिकारी की जवाबदेही तय की गई है।