PM मोदी आज फिर करेंगे मुख्यमंत्रियों से बात
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया है कि यह वीडियो कांफ्रेंस सोमवार को दोपहर बाद तीन बजे शुरू होगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, बैठक में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा कोरोना के ज्यादा मामले वाले ‘रेड जोन’ को ‘ऑरेंज’ या ‘ग्रीन’ जोन में बदलने के लिए प्रयासों पर भी चर्चा होगी। मालूम हो कि इससे पहले जब प्रधानमंत्री ने 27 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी, तब देशभर में कोरोना के मामले 28 हजार से कुछ ही ज्यादा थे। लेकिन अब यह आंक़़डा करीब 63 हजार तक पहुंच गया है।
कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन (Nationwide Lockdown) से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलने के लिए किये गये उपायों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सोमवार को एकबार फिर से मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद करेंगे। इसमें आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर फोकस किया जा सकता है। मालूम हो कि महामारी शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी पांचवीं बार मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद करने जा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि 18 मई को लॉकडाउन का तीसरा चरण खत्म होने के साथ सरकार और छूट देने का मन बना रही है। प्रधानमंत्री के साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में इसका खाका तैयार हो सकता है। इस बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों को विचार रखने को कहा गया है। मंगलवार से कुछ चुनिंदा रूटों पर यात्री ट्रेनों के संचालन के एलान के बाद इस बैठक से उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं। बैठक में प्रधानमंत्री के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी शामिल रहेंगे।
अब केंद्र से लेकर राज्य सरकारों तक में यह राय बनती दिखने लगी है कि हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। लॉकडाउन से कोरोना की शुरुआती गति रोक दी गई है और अब अपनी तैयारी के साथ इससे लड़ना भी है और रोजमर्रा की गतिविधियों को भी सुचारू तरीके से चलाते रहना है। सोमवार को दोपहर तीन बजे शुरू होने वाली यह बैठक आधे घंटे के ब्रेक के साथ देर रात तक चल सकती है। बताया जाता है कि सभी मुख्यमंत्रियों से उनकी तैयारियों, लॉकडाउन में राहत के बाद की स्थिति पर राय ली जाएगी।
यह पाया गया है कि लॉकडाउन के तीसरे चरण में दी गई राहत के बावजूद आíथक गतिविधियां रफ्तार नहीं पकड़ पाई हैं। कई स्थानों पर चेन ब्रेक होता पाया गया तो कई स्थानों पर दिशानिर्देश की आड़ में दबाव बनाया गया। अधिकारियों का पूरा ध्यान लॉकडाउन को लागू करने पर रहा, राहत देने पर नहीं। अब बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक भी अपने-अपने घरों को लौट रहे हैं, ऐसे में कंपनियों के लिए काम शुरू करना कितना आसान होगा, यह भी एक सवाल है।
फिलहाल देश को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में बांटकर राहत दी गई है। दिल्ली समेत कई राज्यों की ओर से यह बात आ रही है कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर सुरक्षा मानकों के साथ छूट दे दी जानी चाहिए। बड़ा सवाल यह है कि हवाई सेवा, मेट्रो जैसी सेवाओं में छूट मिलेगी या नहीं। यह फैसला मुख्यत: केंद्र सरकार को करना है लेकिन राज्यों से भी राय ली जाएगी। चुनिंदा रूट पर घरेलू उड़ानें और राज्यों के अंदर सीमित बस सेवा शुरू करने पर विचार चल रहा है।
उस बैठक के बाद केंद्र सरकार ने लॉकडाउन दो हफ्ते और बढ़ाकर उसकी अवधि 17 मई तक करने की घोषणा की थी। लेकिन तीसरे चरण के इस लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियों तथा लोगों की आवाजाही के लिए कई रियायतें दी गई हैं। देश में 25 मार्च से ही लॉकडाउन लागू है। कोरोना संक्रमण के मामलों में तेज वृद्धि के बावजूद कई राज्यों ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्रम कानूनों को शिथिल करने के साथ ही सीमित कर्मियों से कामकाज शुरू करने की अनुमति दी है।
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार की बैठक में लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर आने के लिए कुछ और छूट देने पर विचार किया जा सकता है। लेकिन सारे प्रतिबंधों को वापस लिए जाने की संभावना नहीं है। उल्लेखनीय है कि रविवार को केंद्रीय कैबिनेट सचिव के साथ बैठक में राज्यों के मुख्य सचिवों ने कहा था कि कोरोना से सुरक्षा के साथ ही आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देने की जरूरत है। हालांकि लॉकडाउन से परेशान प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में स्पेशल ट्रेनों से अपने गृह राज्य लौट रहे हैं। ऐसे में उद्योगों को फिर से शुरू किया जाना एक चुनौती माना जा रहा है।
इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी एनडीएमए ने लॉकडाउन के बाद उद्योगों को फिर से खोलने और कामगारों के साथ-साथ संयंत्रों की सुरक्षा के लिए उठाए जाने वाले एहतियाती कदमों को लेकर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। एनडीएमए ने कहा है कि औद्योगिक इकाइयों को सफलतापूर्वक दोबारा शुरू करने और जोखिम को कम करने के लिए इन दिशानिर्देशों का पूरी तरह अनुपालन अनिवार्य है।
देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या रविवार को 2,109 हो गई जबकि कुल मामले बढ़कर 62,939 पर पहुंच गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो बीते 24 घंटे में संक्रमण से 128 लोगों की मौत हुई है जबकि 3,277 नए मामले सामने आए हैं। देश में मरीजों के ठीक होने की दर करीब 30.75 फीसद है। संक्रमण के कुल मामलों में 111 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।