मुंबई। शूटर दादी चंद्रो तोमर और रिवॉल्वर दादी प्रकाशी तोमर के जीवन पर बनी फिल्म ‘सांड की आंख’ का ट्रेलर रिलीज हो गया है।तापसी नेप्रकाशी तोमर का और भूमि, चंद्रो तोमर का रोल निभाती नजर आरही हैं। फिल्म का डायरेक्शनतुषार हीरानंदानी ने किया है। फिल्म दीवाली पर रिलीज की जाएगी।
डायलॉग्स में दिखा कैसे झेला लिंगभेद : फिल्म के डायलॉग कुछ ऐसे हैं जो बताते हैं कि इन दोनों महिलाओं ने किस तरह लिंगभेद को झेला है। इसकी बानगी फिल्म के ट्रेलर में दिखाई दिया।
-ये बंदूक मजाक न है, ये मर्दों का गहना है और मर्दों के हाथ ही अच्छी लगे है
-एक बात बता ताई के खाओ हो तुम दोनों निशाना बिलकुल सीधा लगाओ हो,
-औरत उस उमर का सही हिसाब न लगा सके है जो उसने अपने लिए जी हो
ऐसी है शूटर दादी की कहानी : उम्र के 86 वसंत देख चुकी चंद्रो तोमर, यूपी के बागपत जिले के जोहरी गांव की रहने वाली हैं। चंद्रो तोमर के 6 बच्चे और 15 नाती-पोते हैं। इन्हीं में से एक पोती शैफाली को वे डॉ. राजपाल की शूटिंग एकडेमी में लेकर गईं। जहां तीन दिन तक उनकी पोती गन से निशाना लगाने की जद्दोजहद करती रही। यह देख चंद्रो ने उसके हाथ से गन लेकर लोड की और निशाना लगा दिया। सटीक निशाना लगा देखकर एकडेमी ट्रेनर ने उनसे कहा वह भी शूटिंग शुरू कर दें।
जीत चुकी हैं 25 नेशनल अवॉर्ड : चंद्रो, दुनिया की सबसे बुजुर्ग शूटर हैं। उनके अलावा उनकी ननद 81 साल की प्रकाशी तोमर भी उन्हीं को देखकर शूटिंग करने लगीं। 65 साल की उम्र में शूटिंग की प्रैक्टिस शुरू करने के बाद चंद्रो ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने 25 नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और सारे टूर्नामेंट जीते। शुरुआती दिनों में चंद्रो प्रैक्टिस करने के लिए रात का समय चुनती थीं। दिनभर के कामों के बाद रात में जब सब सो जाते तब वह पानी से भरा जग लेकन घंटों गन होल्डिंग की प्रैक्टिस किया करती थीं।