दारोगाओं के प्रमोशन का रास्ता साफ
दारोगाओं के प्रमोशन को वर्ष 2018 में नियमावली जारी हुई थी, पर पीएचक्यू ने इसमें संशोधन के लिए प्रस्ताव भेजा था। शासन ने पीएचक्यू के कई प्रस्ताव खारिज कर दिए हैं। उत्तराखंड में दारोगाओं के प्रमोशन की रास्ता साफ हो गई है। गृह विभाग ने पुलिस उप निरीक्षक एवं निरीक्षक (नागरिक पुलिस व अभिसूचना) सेवा नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव खारिज कर पुलिस महानिदेशक को एक माह में प्रमोशन करने के आदेश दिए हैं। सचिव(गृह) नितेश झा ने बुधवार को ये आदेश किए।
गृह विभाग ने साफ किया कि वर्ष 2018 तक के दारोगाओं के प्रमोशन के लिए पीटीसी की परीक्षा के आधार पर मानक तय होगा,जबकि इसके बाद वालों के लिए भर्ती परीक्षा व पीटीसी के अंक के आधार पर वरिष्ठता तय होगी।
शासन ने कहा है कि जो बिंदु स्पष्ट होने हैं, उनसे नियमावली का स्वरूप नहीं बदलेगा लिहाजा, महकमा एक माह में प्रमोशन की प्रक्रिया पूरी करें। शासन से स्थिति साफ होने के बाद अब करीब 95 दारोगाओं के इंस्पेक्टर बनने और अन्य संवर्गों में प्रमोशन की राह खुल गई है।
पांच साल की एसीआर सही होने पर प्रमोशन
दारोगाओं के 5 वर्ष की एसीआर यदि गड़बड़ होगी तो उन्हें प्रमोशन से हाथ धोना पड़ेगा। पीएचक्यू ने इसमें भी संशोधन करने का आग्रह किया था, जिसे खारिज कर दिया गया।
पीएसी और आईआरबी वाले अपने संवर्ग में होंगे पदोन्नत
पीएचक्यू ने पीएसी व आईआरबी बटालियनों में सब इंस्पेक्टर रैंक को भी उक्त नियमावली में प्रमोशन देने का प्रस्ताव दिया था। शासन ने इसे भी खारिज कर दिया। गृह विभाग ने कहा कि चूंकि पीएसी और आईआरबी की अलग नियमावली है लिहाजा, उन्हें अपनी नियमावली में प्रमोशन का अवसर मिलेगा।