उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र का अगला चरण दून में 25 मार्च से होगा

विधानसभा का बजट सत्र तीन मार्च से गैरसैंण में शुरू हुआ, जो सात मार्च को 25 मार्च तक के लिए स्थगित किया गया था। सत्र के दौरान चार मार्च को राज्य का वर्ष 2020-21 का बजट पेश हुआ था। इस पर सामान्य चर्चा भी हो चुकी है और अब विभागवार बजट पास होना है।

राज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद विधानसभा सचिवालय ने 25 मार्च से देहरादून में होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के अगले चरण की अधिसूचना जारी कर दी। वहीं, 24 मार्च को विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सत्र का बिजनेस तय किया जाएगा। माना जा रहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को चल रही कसरत को देखते हुए सत्र की अवधि कम की जा सकती है।

विधानसभा सचिवालय ने बजट सत्र का शेष कार्यRम देहरादून में करने की अनुमित के लिए राज्यपाल से आग्रह किया। राजभवन ने इसे मंजूरी दे दी और फिर शुक्रवार को सचिव विधानसभा जगदीश चंद की ओर से बजट सत्र के शेष कार्यRम की अधिसूचना जारी कर दी गई। उधर, 24 मार्च की शाम को विधानसभा में कार्यमंत्रणा समिति की बैठक बुलाई गई है।

कांग्रेस ने कोरोना वायरस के खतरे के चलते 25 मार्च से हो रहे शेष बजट सत्र के स्थान पर सिर्फ एक घंटे का सत्र बुलाने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि एक घंटे के सत्र में सिर्फ एक महीने का लेखानुदान पारित कराया जाना चाहिए। पूर्ण बजट पर चर्चा बाद में कराई जाए।

प्रदेश सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर गैरसैंण के बजाए देहरादून में ही बजट सत्र का शेष हिस्सा आयोजित कर रही है। मंत्रिमंडल के बीते रोज फैसले के बाद राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने इसकी अनुमति सरकार को दे दी है। सरकार ने अधिसूचना जारी कर 25 मार्च को सुबह 11 बजे से बजट सत्र के शेष कार्यक्रम को आहूत किया है।

कोरोना को राज्य सरकार महामारी घोषित कर चुकी है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते रोज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अगले एक हफ्ते खासी सावधानी बरतने पर जोर दिया है। कांग्रेस ने इसी आधार पर प्रदेश सरकार को घेरने की कोशिश की है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और मंगलौर विधायक काजी निजामुद्दीन ने सरकार से बजट सत्र के शेष हिस्से को सिर्फ एक घंटे तक सीमित रखने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को यह कदम उठाना चाहिए। मौजूदा परिस्थितियों में बजट सत्र के स्थान पर सिर्फ एक घंटे का सत्र आहूत कर एक महीने का लेखानुदान पारित कराया जाना चाहिए। 53 हजार करोड़ से ज्यादा के सालाना बजट पर विस्तार से चर्चा की जरूरत है। लिहाजा बजट पर बाद में चर्चा कराई जाए।

गौरतलब गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान सरकार की ओर से बजट पर चर्चा कराई जा चुकी है। कांग्रेस ने बजट चर्चा जल्दबाजी में कराए जाने पर आपत्ति जताते हुए इसे स्थगित कराने पर जोर दिया था, लेकिन सरकार ने प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी के इस अनुरोध को खारिज कर दिया था। कांग्रेस ने एक बार बजट चर्चा को मुद्दा बनाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *