चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में खोले गए आज, भगवान शिव के मुख के दर्शन यहां होते हैं
रुद्रनाथ की यात्रा अति दुर्गम मानी जाती है। लगभग 19 किमी पैदल चलकर यहां पहुंचा जाता है। गोपेश्वर से पांच किमी चोपता मोटर मार्ग पर सगर गांव के पास से पैदल मार्ग रुद्रनाथ के लिए जाता है। यात्रा मार्ग पर गांव न होने के चलते रहने की व्यवस्था भी नहीं है। रुद्रनाथ में ही मंदिर की धर्मशाला है। रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुख के दर्शन होते हैं। भारत में शिव के मुख के दर्शन का यह एक मात्र तीर्थ स्थल है शिव ने पांडवों के स्वर्गारोहणी यात्रा के दौरान यही पर मुख के दर्शन दिए थे।
चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट आज सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए गए हैं। इस दौरान पुजारी धर्मेंद्र तिवारी ने कपाट खोलकर अभिषेक पूजा अर्चना की। बाबा रुद्रनाथ की उत्सव डोली यात्रा तड़के पधारे से रूद्रनाथ धाम पहुंची। पुजारी ने चतुर्थ केदार भगवान बाबा रुद्रनाथ के पट शिव भक्तों के लिए खोल दिए हैं। हालांकि, कोरोना के चलते यात्रा में आम श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत नहीं है। डोली के साथ पुजारी सहित 20 स्थानीय श्रद्धालुओं को ही अनुमति है।