चेन्नई। भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के करीब 6 महीने बाद पाकिस्तान केबालाकोट में आतंकियों के शिविर फिर सक्रिय हो गए हैं। जैश-ए-मोहम्मद समेत अन्य आतंकी संगठनों ने दहशतगर्दों को यहां ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है। करीब 500 आतंकी कश्मीर में घुसपैठ के लिए तैयार हैं। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवारको इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आतंकी शिविरों का दोबारा सक्रिय होने से साफ है कि वायुसेना की कार्रवाई में उन्हें भारी नुकसान हुआ था।
जनरल रावत ने कहा, “आपको बताता हूं, हाल ही में पाक आतंकियों ने बालाकोट को फिर से सक्रिय कर लिया है। इससे स्पष्ट है कि बालाकोट हमारी एयर स्ट्राइक में प्रभावित हुआ था और इसे भारी नुकसान पहुंचाया गया था। लोग यहां से दूर भाग गए थे और इससे साफ है कि भारतीय वायुसेना ने वहां सफल कार्रवाई को अंजाम दिया था, लेकिन वहां पर लोग अब वापस आ गए हैं।”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि लोगों के एक बड़े वर्ग के बीच इस्लाम को लेकर गलत धारणाएं पैदा की जा रही हैं। धर्म में कुछ भी बुरा नहीं है लेकिन जिस तरह से इसकी व्याख्या की जा रही है, उसमें समस्या है। इसे सुनने वाले लोग प्रभावित होते हैं और आगे प्रसारित करते हैं। मुझे लगता है कि हमारे पास ऐसे कई धर्म प्रचारक हैं जो इस्लाम के सही संदेश को लोगों तक पहुंचा सकते हैं।”
खुफिया एजेंसियों की मदद से आतंकियों के मंसूबेनाकाम हो रहे
कश्मीर में एलओसी पर गोलाबारी पर जनरल रावत ने कहा कि पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन कर आतंकियों की घुसपैठ कराता है। इन घुसपैठियों से कैसे निपटना है, यह हमें भली-भांति पता है। हमारे जवानों को पता है कि इस स्थिति में खुद को कैसे तैयार करना है और क्या कार्रवाई करनी है।
हम सतर्क हैं और खुफिया एजेंसियों की मदद से घुसपैठ को नाकामकरने में सफल रहे हैं। टेक्नोलॉजी की मदद से सीमा की सुरक्षा बेहतर तरीके से संभव है। उन्होंने कहा, “कश्मीर घाटी में आतंकवादियों और पाकिस्तान में बैठे उनके संचालकों के बीच संपर्क अवश्य टूटने चाहिए, लेकिन लोगों के बीच संचार प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।”