नई दिल्ली/इस्लामाबाद। भारत के सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर जाने के लिए पासपोर्ट की जरूरत पड़ेगी। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने गुरुवार को कहा कि सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। श्रद्धालुओं को पाकिस्तान में प्रवेश के लिए पासपोर्ट अनिवार्य होगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 1 नवंबर को कहा था कि करतारपुर आने के लिए श्रद्धालुओं को पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। बस एक वैध आईडी साथ लानीहोगी। 6 नवंबर को भारत ने पाकिस्तान से पासपोर्ट को लेकर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा। इसी पर पाकिस्तानी सेना का बयान आया है।
‘गुरु नानक देव के जयंती के दिन कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा’
इमरान खान 9 नवंबर को करतारपुर कोरिडोर का उद्घाटन करेंगे। इमरान ने यह भी कहा था कि श्रद्धालुओं को 10 दिन पहले रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा और गुरु नानक देव के जयंती के दिन(12 नवंबर को) श्रद्धालुओं से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। अन्य दिन 20 डॉलर (करीब 1400 रु.) का शुल्क लिया जाएगा।
रोजाना 5 हजार श्रद्धालु दरबार साहिब जाएंगे
दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत रोजाना पांच हजार श्रद्धालुओं को दरबार साहिब जाने की अनुमति होगी। इसके लिए उन्हें वीजा नहीं लेना होगा, लेकिन पासपोर्ट जरूरी होगा। कॉरिडोर से आने वाले पांच हजार श्रद्धालुओं से पाकिस्तान को रोजाना एक लाख डॉलर की आय होगी यानी एक साल में उसे तीन करोड़ 65 लाख डॉलर राशि की आय होगी। वर्तमान में डॉलर की तुलना में पाकिस्तानी रुपए का मूल्य 155.72 रुपए है। इस हिसाब से रोजाना उसे 1.55 लाख रुपए और सालभर में करीब छह अरब रुपए की कमाई होगी।
करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक तीर्थस्थल को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय सीमा से इसकी दूरी महज चार किलोमीटर है।