आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान का जायज़ा लेगा गृह मंत्रालय

पणजी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित राज्यों की रिपोर्ट का इंतजार नहीं करेगी और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित इलाकों में नुकसान का आकलन करने के लिए अपनी टीम भेजेगी। शाह ने गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा राज्यों के बाढ़ पीड़ितों के लिए चिंता व्यक्त की। उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे हाल में बाढ़ की वजह से हुए नुकसान का आकलन तेजी से करें और केंद्र को अपनी मांगे भेजें। शाह यहां 24वीं पश्चिमी जोनल परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे। यह एक ऐसा मंच है जहां केंद्र और राज्य स्वास्थ्य, रक्षा और सामाजिक कल्याण से जुड़े मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।

बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तथा केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव, दादर और नगर हवेली के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। शाह ने बताया कि केंद्र ने बाढ़ से हुए नुकसान का खुद आकलन करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि पहल के तहत, संबंधित राज्यों की रिपोर्टों का इंतजार किए बिना बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए केंद्रीय दलों को गठित कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पश्चिमी ज़ोन भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में मददगार रहा है। इस ज़ोन के तहत आने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने राष्ट्रीय जीडीपी में करीब 24 प्रतिशत और देश के कुल निर्यात में 45 फीसदी का योगदान दिया है।

पश्चिमी ज़ोनल परिषद ऐसे ही पांच निकायों में से एक है। इस ज़ोन में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा तथा केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव, दादर और नगर हवेली शामिल हैं। शाह ने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच सभी लंबित मुद्दों का समाधान पश्चिमी ज़ोनल परिषद के ज़रिए प्राथमिकता के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पश्चिमी ज़ोन में आने वाले राज्य चीनी, कपास, मूंगफली और मछली के बड़े निर्यातक हैं और देश की अर्थव्यवस्था के विकास में काफी योगदान दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था को और मजबूत करने और प्रशासनिक सुधार से इन राज्यों के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

इस बैठक की शुरुआत में फडणवीस ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 ए के तहत जम्मू कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे और उसके नागरिकों को दिए गए विशेषाधिकारों को रद्द करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह द्वारा लिए गए निर्णय का स्वागत किया। फडणवीस ने कहा कि इस फैसले से जम्मू कश्मीर और लद्दाख (अब केंद्र शासित प्रदेशों) में विकास की राह बनेगी और उनका शेष देश के साथ एकीकरण होगा। गोवा एवं गुजरात के मुख्यमंत्रियों तथा दमन और दीव तथा दादर और नागर हवेली के प्रशासकों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के विचारों का समर्थन किया। पश्चिमी जोनल परिषद की इससे पहले हुई बैठक की अध्यक्षता तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह की थी जो पिछले साल अप्रैल में हुई थी।

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