इस्लामाबाद। नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास भारतीय सैनिकों द्वारा किए गए कथित संघर्षविराम उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारतीय राजनयिक को सम्मन जारी कर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
विदेश कार्यालय ने भारतीय उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया को समन जारी कर लीपा और बट्टल सेक्टरों में अकारण गोलीबारी की निंदा की, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी और दो नागरिक मारे गए।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भारतीय पक्ष से आग्रह किया कि वह अपनी सेना को संघर्षविराम का सम्मान करने और नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने का निर्देश दे।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार भारतीय पक्ष को अपनी अनिवार्य भूमिका निभाने के लिए भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) को अनुमति देनी चाहिए।
भारत का कहना है कि यूएनएमओजीआईपी की उपयोगिता खत्म हो गई है और शिमला समझौते और नियंत्रण रेखा की स्थापना के बाद यह अप्रासंगिक हो गया है। एक बयान के अनुसार, भारतीय सुरक्षा बलों ने 2003 के संघर्ष विराम समझौते का कथित रूप से लगातार उल्लंघन किया है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है और यह एक रणनीतिक भूल साबित हो सकती है।’’ पाकिस्तान की सेना ने शुक्रवार को दावा किया कि उसके एक अन्य सैनिक को बट्टल शहर में भारतीय सैनिकों ने मार दिया।
जिसके बाद गोलीबारी में मारे गए लोगों की मौत को संख्या छह हो गई। भारतीय सैनिकों के कथित संघर्षविराम उल्लंघनों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए पाकिस्तान ने बुधवार और गुरुवार को भी अहलूवालिया को तलब किया था।