तेलंगाना में 12वीं के नतीजे आने के बाद 19 तक पहुंचा आत्महत्या का आंकड़ा

हैदराबाद। तेलंगाना में 12वीं के नतीजे जारी किए जाने के एक हफ्ते बाद भी छात्रों की आत्महत्या के मामले थम नहीं रहे हैं। पिछले 24 घंटे में दो छात्राओं और एक छात्र ने एग्जाम में फेल होने के बाद अपनी जान दे दी। इसके साथ ही नतीजे आने के बाद से अब तक आत्महत्या के 19 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले चार साल में इंटर के नतीजे आने के बाद आत्महत्या के ये सबसे ज्यादा मामले हैं।

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही से बिना सही तरीके से चेक किए, नतीजे जारी कर दिए गए, इसे छात्र डिप्रेशन में जा रहे हैं या आत्महत्या का रास्ता अपना रहे हैं। इससे पहले पिछले साल 2018 में 6 छात्रों ने नतीजे आने के बाद आत्महत्या की थी जबकि 2015 और 2016 में कोई जान नहीं गई थी। 2017 में एक छात्र ने जान दे दी थी।

यही नहीं, हर साल नतीजे आने के एक-दो दिन बाद तक ऐसी घटनाएं सामने आती थीं जबकि इस बार एक हफ्ते बाद भी ये जारी हैं। बता दें कि तेलंगाना में 18 अप्रैल को इंटर के नतीजे घोषित किए गए थे। मंगलवार दोपहर 17 साल की एस ज्योति ने खुद को आग लगाकर जान दे दी। 19 साल की मीठी और 18 साल के सी राजू ने फांसी लगा ली।

इन घटनाओं से चिंतित शिक्षकों का कहना है कि छात्रों पर पड़ने वाले दबाव को कम करने की जरूरत है। तेलंगाना सरकारी जूनियर लेक्चरर्स असोसिएशन के अध्यक्ष मधुसूदन रेड्डी ने बताया, ‘पिछले कुछ साल में हुईं ज्यादातर आत्महत्याएं छात्रों पर कॉलेज प्रबंधन, कॉर्पोरेट कॉलेजों और माता-पिता के दबाव के कारण होती हैं। बेहतर रैंक और मार्क्स पाने की रेस में औसत छात्र पर अच्छा करने वाले छात्रों की बराबरी करने का भार आ जाता है।’