कोलंबो। ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को सलाह दी है कि जब तक आवश्यक ना हो तब तक वह श्रीलंका की यात्रा ना करें क्योंकि रविवार को ईस्टर पर हुए हमले में 253 लोगों के मारे जाने और 500 से अधिक लोग घायल होने के बाद वहां आतंकवादियों के आगे और हमले करने की ‘आशंका’ है। परामर्श के मुताबिक, भविष्य में कहीं भी हमले हो सकते हैं। बम विस्फोटों के तुरंत बाद, ब्रिटेन विदेश कार्यालय (एफसीओ) ने अपने दिशा-निर्देश को अद्यतन किया और देश में ब्रिटिश नागरिकों से भीड़ भाड़ वाले इलाकों से बचने का अनुरोध किया। हालांकि, उसने बृहस्पतिवार को आगे और हमला होने की आशंका को लेकर चेतावनी दी।
इसमें कहा गया है की विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालय 21 अप्रैल 2019 को हमलों के बाद वर्तमान सुरक्षा स्थिति के कारण बेहद आवश्यक यात्रा को छोड़कर, अपने नागरिकों को श्रीलंका नहीं जाने की सलाह देता है। सलाह में कहा गया है की आतंकवादी श्रीलंका में हमलों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं। जिन स्थानों पर विदेशियों के एकत्र होने की संभावना रहती है, उसके समेत कहीं भी हमले हो सकते हैं। विदेश कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि यात्रा में बदलाव की सलाह ताजा खुफिया सूचना के कारण नहीं दी गई है बल्कि आवश्यक एहतियात के कारण ऐसा किया गया है।
माना जा रहा है कि एक स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) के नौ आत्मघाती सदस्यों ने तीन चर्चों और तीन लक्जरी होटलों में विस्फोट किया जिसके बाद श्रीलंका में अभी भी स्थिति अस्थिर बनी हुई है। हमले में 253 लोग मारे गये और 500 से अन्य लोग घायल हो गये। श्रीलंका में और आतंकी हमलों की ‘आशंका’ की चेतावनी के कारण ब्रिटेन की तरह ही अमेरिका, आस्ट्रेलिया ने नागरिकों को वहां नहीं जाने को लेकर बृहस्पतिवार को परामर्श जारी किया। विदेश मंत्रालय ने नवीनतम यात्रा परामर्श में कहा, ‘‘आतंकवादियों के श्रीलंका में आगे और हमला करने की आशंका है। श्रीलंका में पर्यटन आमदनी का एक बड़ा जरिया है और 2009 में वहां 4,48,000 विदेशी आगंतुक आए थे। हालांकि 2016 से एक साल में 20 लाख से अधिक पर्यटक यहां आए हैं।