पणजी। बीते लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। इससे पहले उनकी हालत बेहद नाजुक बताई जा रही थी। 63 साल के परिकर अग्नाशय की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे और यहां पास में डोना पौला में स्थित अपने निजी आवास में रह रहे थे। राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से यह जानकारी दी गई। मनोहर परिकर के लिए कल यानी सोमवार सुबह 11 बजे केंद्रीय कैबिनेट में शोकसभा का आयोजन किया जाएगा।
गोवा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर परिकर भारत के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। परिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा के मापुसा में हुआ था। वह भारत के किसी भी राज्य के पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जो आईआईटी से स्नातक थे। 1978 में उन्होंने आईआईटी मुंबई से स्नातक किया था। साल 2001 में आईआईटी मुंबई ने उन्हें विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी दी थी। भारतीय जनता पार्टी से गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता थे। 13 मार्च 2017 को परिकर ने चौथी बार गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
जून 1999 से नवंबर 1999 तक वह विरोधी पार्टी के नेता रहे। 24 अक्तूबर 2000 को वह गोवा के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनकी सरकार फरवरी 2002 तक ही चल पाई। जून 2002 में वह फिर सभा के सदस्य बने और पांच जून 2002 को फिर गोवा के मुख्यमंत्री के लिए चयनित हुए। भाजपा को गोवा की सत्ता में लाने का श्रेय परिकर को ही जाता है।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर परिकर लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। पैनक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित परिकर को 31 जनवरी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। हाल ही में बीमार परिकर ने तीन मार्च को गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में जांच कराई थी। फरवरी में परिकर का जीएमसीएच में एक ऑपरेशन भी हुआ था।
गोवा में राजनीतिक संकट के बीच शनिवार को भाजपा विधायकों और पार्टी कोर कमेटी के सदस्यों ने आपस में मुलाकात की थी। इस मुलाकात में मुख्यमंत्री मनोहर परिकर के खराब स्वास्थ्य के कारण पैदा हुई राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की गई थी। इससे पहले पैनक्रिएटिक कैंसर से जूझ रहे परिकर का स्वास्थ्य शनिवार की सुबह बेहद खराब हो गया था, जिसके चलते इस तटीय राज्य की राजनीतिक गतिवधियों में गहमागहमी पैदा हो गई थी। हालांकि भाजपा नेतृत्व वाली गोवा सरकार में सहयोगी छह विधायकों ने गोवा फारवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय देसाई के नेतृत्व में परिकर से मुलाकात करते हुए उन्हें समर्थन जारी रखने का आश्वासन दिया।