देहरादून। मोदी मैजिक के सहारे उत्तराखंड में चुनावी रथ हांकने में लगी भाजपा को रोकने की बड़ी चुनौती कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने है। निगाहें इस बात पर हैं कि आज मंच से राहुल के चुनावी तरकश से किन मुद्दों के तीर बरसते हैं। सैन्य बहुल प्रदेश में भाजपा के राष्ट्रवाद पर वे किस तरह चोट करते हैं। दलबदल की मार झेल कर कमजोर पड़ चुकी प्रदेश कांग्रेस में नए प्राण फूंकने को क्या मंत्र देकर जाते हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैली तय करेगी कि राफेल रक्षा सौदे के अलावा पार्टी किन मुद्दों के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी।
राहुल गांधी की ये रैली बेहद अहम मानी जा रही है। माना जा रहा है कि वो चुनावी मंच से भाजपा पर जोरदार हमला करेंगे। बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से अति उत्साहित भाजपा को घेरने का दारोमदार पूरी तरह से राहुल पर है। दून से राहुल का दिया संदेश प्रदेश की पांच सीटों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राष्ट्रीय फलक पर भी उसके मायने निकाले जाएंगे। अगर उत्तराखंड की बात करें तो उनका फोकस तीन लाख से अधिक सैन्य परिवारों पर रहेगा।
प्रदेश की पांच सीटों पर कौन से प्रत्याशी उतारे जाने हैं, इसका फीडबैक लेकर राहुल दिल्ली लौटेंगे। पार्टी में दावेदारों की लंबी सूची है, लेकिन यह देखना होगा कि राहुल के मंच पर किन नेताओं को, किस क्रम में स्थान मिलता है। माना जा रहा है कि संभावित प्रत्याशियों से उनकी अलग से मुलाकात हो सकती है। इसके अलावा हरीश रावत और प्रीतम के बीच की दूरियों को कम करने के लिए पार्टी कैडर को संदेश देने का मौका भी उनके पास रहेगा।