नयी दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकाने पर हाल ही में किये गये हवाई हमले पर खुद ही ‘‘सवाल’’उठाये हैं। कांग्रेस ने कहा कि मोदी का कहना है कि देश राफेल लड़ाकू विमानों की कमी महसूस कर रहा है और यदि भारत के पास ये विमान होते तो परिणाम कुछ और ही होते। पार्टी ने कहा कि इस तरह के बयान देकर मोदी ने खुद ही हवाई हमले पर सवाल उठाये हैं। विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि उसने न तो इस तरह की कार्रवाई के पहले सबूत मांगे थे और न ही वह अब यह मांग रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने खुद ही हवाई हमले पर सवाल उठाये हैं। उनका (मोदी का) कहना है कि यदि (वायुसेना के पास) राफेल होते, तो परिणाम कुछ और होता। इसका क्या मतलब है?’’उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को खुद ही स्पष्ट करना चाहिए कि राफेल विमान होते तो क्या अलग परिणाम होते। उन्होंने पहले की बातचीत (राफेल खरीद संबंधी) ‘‘रद्द’’ कर भारतीय वायुसेना में फ्रांस निर्मित इन लड़ाकू विमानों को शामिल करने में देरी के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराया। गौरतलब है कि मोदी ने शनिवार को कहा था कि देश राफेल की कमी महसूस कर रहा है और अगर भारत के पास ये लड़ाकू विमान होते तो कुछ और ही बात होती।
उन्होंने ‘इंडिया टुडे कान्क्लेव’ कार्यक्रम में कहा था, ‘‘ राफेल पर स्वार्थनीति और अब राजनीति के कारण देश का बहुत नुकसान हुआ। राफेल की कमी आज देश ने महसूस की है। आज हिंदुस्तान एक स्वर में कह रहा है कि अगर हमारे पास राफेल होता, तो क्या होता?’’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि राफेल की आपूर्ति में देरी के लिए सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री जिम्मेदार है। राहुल ने ट्वीट कर कहा था, प्रिय प्रधानमंत्री, क्या आपको कोई शर्म नहीं है? आपने 30 हजार करोड़ रुपये चोरी करके अपने मित्र अनिल अंबानी को दिये। राफेल विमानों के आने में देरी के लिए सिर्फ आप जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया था, आपकी वजह से विंग कमांडर अभिनंदन जैसे बहादुर पायलट को पुराने विमान उड़ा कर अपनी जान जोखिम में डालना पड़ रहा है।’’