डॉ. सोनी ने श्रद्धांजलि देकर सीआरपीएफ के जवानों की शहादत को किया याद

टिहरी। वृक्षमित्र अभिनय के तहत पर्यावरणविद वृक्षमित्र डॉ. त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व में राइका मरोड़ा (सकलाना) के राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवियों ने कश्मीर के पुलवामा में हुए मानव आत्मघाती हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को दो मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी जिसमे एनएसएस स्वयंसेवियों के साथ छात्र छात्राओं, शिक्षक शिक्षिकाएं सम्मलित हुए।

पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए पर्यावरणविद वृक्षमित्र डॉ. त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा कि देश के सीमा प्रहरी शहीद जवानों का बलिदान खाली नही जायेगा। इस घटना से पूरा देश क्षुब्ध होने के साथ आक्रोश में हैं। क्षुब्ध दिल से डॉ. सोनी ने कहा कब थमेगे कश्मीर में आतंकी हमले, कब तक होते रहेगे खाली माँ बाप के घर आंगन, कब तक मिटती रहेगा सुहागिनों का सिंदूर, कब तक इंतजार करते रहेंगे बच्चे अपने पापा के गोदी में बैठकर लाड़ प्यार व कहानियां सुनने का।

कब तक करती रहेगी बहिन भाई की कलाई पर राखी बांधने का इंतजार, कब तक इंतजार करता रहेगा गांव का दोस्त अपने दोस्त का। कबतक सताते रहेगी गांव व रिस्तेदारो को फौजी होने की पीड़ा व चिंता। कबतक बुझता रहेगा देश के लिए कुर्बानी के नाम पर घर का चिराग, क्यो नही निकलता कश्मीर का स्थाई समाधान क्या ऐसी मजबूरी हैं जिसके लिए कुर्बानी देते रहेंगे सैना के जवान। कही ऐसा न हो कि आने वाले समय में सैना में जाने के लिए युवाओ को दस बार सोचना पड़े।

डॉ. सोनी ने देश के बुद्धिमानो व भारत सरकार से जल्द से जल्द कश्मीर जो एक नासूर बना है उसका इलाज करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा जिस दिन कश्मीर समस्या का समाधान निकल जायेगा उसी दिन इन वीर सपूतों के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि मिलेगी। वृक्षमित्र ने पुलवामा में शहीद हुए जवानो के लिए 14 फरवरी एक दिन का वेतन देने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा मेरी पत्नी शकुंतला सोनी जो राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हाथीबड़कला, देहरादून में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं वे भी अपना एक दिन का वेतन शहीदों के परिवार को देंगी। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में नवीन भारती, राजेंद्र रावत, कुलदीप चौधरी, ऋषिवाला चौधरी, तेजी महर, शशि ड्यूडी, राकेश सिंह, मनीषा नेगी, नारायण सिंह, यशपाल सिंह, महेश, राहुल, हिमांशी, जमना, पायल, सुरजा एवँ कविता आदि शामिल रहे।

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