मुंबई। ‘गोलमाल’ श्रृंखला की फिल्मों में नजर आने वाले अजय देवगन यह नहीं समझ पाते हैं कि हॉस्य फिल्मों पर ‘बेसिर-पैर’ की होने का ठप्पा क्यों लगाया दिया जाता है क्योंकि उनका मानना है कि मजेदार सामग्री बनाने के लिए दिमाग लगाना जरूरी होता है। 49 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि दुनिया भर के मनोरंजन जगत में हॉस्य कलाकारों का दबदबा है।
अजय ने बताया, ‘‘मैं समझ नहीं पाता हूं कि वे इसे बेसिर-पैर का क्यों कहते हैं। लोगों को हंसाना आसान नहीं है। आज हमारे देश या पूरी दुनिया में हॉस्य कलाकार सबसे बड़े सितारे हैं। ऐसे ही भारत में, हमारे पास कपिल शर्मा हैं। लोगों को हंसाने के लिए बुद्धि होना जरूरी है, आप केवल हावभाव बनाकर लोगों को हंसा नहीं सक
ते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कौन हंसना नहीं चाहता? हॉस्य फिल्में भी आप बार-बार देखते हैं। मेरा मतलब यह नहीं है कि बाकी सिनेमा अच्छा नहीं है लेकिन यह भी अच्छा है’’ अजय, इंद्र कुमार की ‘टोटल धमाल’ श्रृंखला की फिल्म में नजर आने वाले हैं जिसमें पहले संजय दत्त मुख्य भूमिका में होते थे। अभिनेता अजय देवगन ने कहा कि ‘अत्यधिक हास परिहास’ होने के कारण उन्होंने फिल्म में काम करने का निर्णय लिया। यह फिल्म 22 फरवरी को सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी।