काबुल। अफगानिस्तान की प्रांतीय राजधानी में तालिबान के आतंकवादियों ने आज सुबह कब्जा करने की कोशिश की जिस दौरान कम से कम 14 पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी । हालांकि, सुरक्षा बलों ने तालिबान लड़ाकों को पीछे धकेल दिया है गजनी स्थित अस्पताल के प्रशासक बाज मोहम्मद हेमात ने बताया कि अफगानिस्तान के गजनी प्रांत की राजधानी तथा दक्षिणी शहर गजनी में कल रात हुए हमले में सुरक्षा बलों के बीस सदस्य घायल भी हो गए। अफगानिस्तान के हेरात प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता गिलानी फरहाद ने बताया कि कल रात हेरात के ओबे जिले में हुए एक अन्य तालिबान हमले में छह पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी।
गजनी के पुलिस प्रमुख फरीद अहमद मशाल ने बताया कि वहां स्थानीय समयानुसार तड़के दो बजे तालिबान का हमला शुरू हुआ । शहर के आवासीय इलाके में इस दौरान कई दुकानों को आग लगा दी गयी। इस हमले का माकूल जवाब देने के बाद किसी भी तालिबान लड़ाके के बचे होने की आशंका के मद्देनजर पुलिस ने घर घर जा कर तलाशी ली। इस बात की जांच की जा रही है कि विद्रोही हमलावर शहर में इतने अंदर तक घुसने में कैसे सफल हुए। शहर यहां से केवल 120 किलोमीटर दूर है। अस्पताल प्रशासक हेमात ने कहा कि दो घायल नागरिकों को भी अस्पताल लाया गया है। शहर में बंद होने के कारण एम्बुलेंस नहीं भेजी जा रही है। मशाल ने बताया कि 100 से अधिक लोग हताहत हुए हैं । हालांकि, इसमें मारे गए और घायलों की जानकारी नहीं है ।
लेकिन, हताहत लोगों में से अधिकतर तालिबान लड़ाके हैं । पुलिस प्रमुख ने बताया कि सुरक्षा बलों ने तालिबान आतंकवादियों को गजनी से बाहर धकेल दिया है । सड़कों पर तालिबान लड़ाकों के शव पड़े हैं । शहर में एक पुल के नीचे से 39 तालिबान लड़ाकों के शव बरामद किये गए हैं । मशाल ने बताया कि हमले को नाकाम करने के लिए किये गए हवाई हमलों में भी दर्जनों तालिबान लड़ाके मारे गए हैं ।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रादमनिश ने बताया कि सेना पुलिस की मदद कर रही है और शहर पर सरकारी सैन्य बलों का नियंत्रण हो गया है । अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिकी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मार्टिन ओ डोनेल ने बताया कि अमेरिकी बलों और हेलीकाप्टरों ने गजनी में तालिबान के हमले के बाद अफगानिस्तान की सहायता की और तालिबान को पीछे धकेलने में सफलता मिली । तालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्ला मुजाहिद ने दावा किया कि गजनी पर कब्जा किया जा चुका है और सैकड़ों लोग मारे गए हैं । दूसरी ओर तालिबान ने हेरात में हुए हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है ।