नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सबरीमला मंदिर के अधिकारियों के खिलाफ दायर अवमनना याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। दो महिलाओं के प्रवेश के बाद मंदिर को बंद करने के अधिकारियों के फैसले को लेकर वकीलों के एक समूह ने यह याचिका दायर की है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की एक पीठ ने कहा कि अवमानना याचिका पर सुनवाई सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने वाले उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं के साथ ही होगी।
भारतीय युवा वकील संगठन के लिए पेश हुए अधिवक्ता पी वी दिनेश ने पीठ को बताया कि बुधवार को दो महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के बाद मंदिर के अधिकारियों ने शुद्धिकरण के लिए उसे बंद कर दिया था जो शीर्ष अदालत के फैसले का उल्लंघन है।