उत्तराखंड में फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी यौन उत्पीड़न मामलों की जल्द सुनवाई

देहरादून। प्रदेश में महिलाओं से दुष्कर्म के मामलों में आरोपियों को शीघ्रता से सजा दिलाने के लिए राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन हो सकता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संकेत दिए हैं कि इस प्रस्ताव पर विचार हो रहा है।

पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड की महिलाओं पर अपराध का ग्राफ  तेजी से बढ़ा है। महिला दुष्कर्म के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले ही दिनों कर्णप्रयाग में गैंग रेप के एक मामले से पहाड़ दहल गया।

हाल ही हरिद्वार में तीन युवकों ने एक युवती को हवस का शिकार बनाया। प्रदेश में बढ़ रहे महिला दुष्कर्म के बाद बिगड़ रहे माहौल से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी प्रश्न खड़े हो रहे हैं। ऐसे मामलों में आरोपियों को सजा दिलाने के लिए सरकार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने का भी लगातार दबाव बनता रहा है।

अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत में संकेत दिए हैं कि सरकार फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को रोकने और अपराधियों को सजा दिलवाने को लेकर गंभीर है।

दुष्कर्म के मामले
2016    2017    2018
335    390        488

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