नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक अर्थ परीक्षा उत्तीर्ण करना और डिग्रियां हासिल करना नहीं बल्कि इंसानों की मदद करना है। कोविंद ने मंगलवार को यहां सेंट थॉमस कॉलेज के शताब्दी समारोह के उद्घाटन के अवसर पर छात्रों और शिक्षाविदों से यह बात कही। कॉलेज के सूत्र वाक्य ‘सत्य तुम्हें मुक्त करेगा’ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “यह हमें बताता है कि शिक्षा का अर्थ परीक्षाएं और डिग्रियां नहीं बल्कि साथी मानवों तथा जरूरतमंदों की मदद करना है तथा जो चीज हमारे पास है, उसे सबके साथ बांटना है।”
उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा यह माना है कि लोगों की सहायता कर, उन्हें मुश्किलों से निकालकर और सभी इंसानों में ज्ञान का प्रकाश फैलाकर हम ईश्वर की सबसे बड़ी सेवा कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, “यही वह मिशन है जिससे हममे निर्देशित होना जारी रखना होगा और बेहतर समाज, केरल के भाग्य और अपने सपनों के भारत का निर्माण करना होगा।” कोविंद ने वहां उपस्थित सभी लोगों को बधाई दी तथा बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने संस्थान में पहले आ चुके कई दिग्गजों को भी याद किया। जैसे, अक्टूबर 1927 में महात्मा गांधी यहां आए थे जब स्वतंत्रता संग्राम में सहयोग करने के लिए संस्थान के छात्रों ने 501 रुपये इकट्ठे किए थे। उन्होंने कहा, “आज यह बहुत छोटी रकम लग रही है, लेकिन 1927 में बहुत थी।” राष्ट्रपति ने कॉलेज के निर्माण और प्रशासन में चर्च की भूमिका पर भी अपने विचार प्रकट किए।
उन्होंने कहा कि केरल का ईसाई समुदाय भारत ही नहीं दुनियाभर में सबसे पुराने समुदायों में से एक है। सेंट थॉमस के पूर्व छात्रों में कई पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनमें ई.एम.एस.नम्बूदिरीपाद, सी. अच्युतमेनन शामिल हैं। इसके अलावा यहां दिग्गज कांग्रेस नेता सी.एम. स्टीफन भी शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं।