नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) की विदेश इकाई ओएनजीसी विदेश लि. (ओवीएल) कजाखस्तान के सतपायेव ब्लाक से निकलने की योजना बना रही है। इस ब्लाक से तेल उत्खनन को वाणिज्यिक रूप से व्यावहारिक नहीं पाने के बाद कंपनी इससे बाहर निकलने पर विचार कर रही है। एक अधिकारी ने यह बात कही। ओवीएल ने अप्रैल 2011 में सतपायेव तेल ब्लाक में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था।
कंपनी ने इसके लिये कजाखस्तान को शुरूआती तौर पर 1.3 करोड़ डालर का भुगतान किया था। इसके अलावा राष्ट्रीय तेल कंपनी जेएससी एनसी काजमुनीगैस (केएमजी) को 8 करोड़ डालर का एकबारगी शुल्क का भुगतान किया गया। ओवीएल के लिये सतपायेव हाइड्रोकार्बन समृद्ध कजाखस्तान में प्रवेश द्वार था। अधिकारी ने कहा कि खोज अभियान को ज्यादा सफलता नहीं मिली।
ओवीएल ने ब्लाक में दो कुओं की खुदाई की लेकिन उसमें हाइड्रोकार्बन के मामले में कोई सफलता नहीं मिली। उसने कहा कि चूंकि ब्लाक में वाणिज्यिक हाइड्रोकार्बन खोजा नहीं जा सका, ओवीएल ने खोज चरण के इस साल 15 जून को समाप्त होने के बाद सतपायेव अनुबंध से बाहर निकलने का निर्णय किया। कंपनी ने इस ब्लाक के लिये अब तक 30 करोड़ डालर (1,730 करोड़ रुपये) भेजा था। सतपायेव ब्लाक कैस्पियन सागर के उत्तरी कजाखस्तान में स्थित है। यह 1,481 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।