नयी दिल्ली। बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कानून के खिलाफ कुछ सवर्ण और अन्य पिछड़ा संगठनों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ लोकसभा चुनाव से पहले लोगों को जाति के आधार पर बांटने के लिए भाजपा की एक ‘‘चुनावी साजिश’’ है। मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी ईंधन की कीमतों में वृद्धि जैसे ‘‘ज्वलंत’’ मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए इस तरह के आंदोलनों का समर्थन कर रही है।
उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश में जब बसपा की सरकार थी तो अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार रोकने से जुड़े कानून का कभी दुरुपयोग नहीं किया गया। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया कि उत्तर प्रदेश में जब उनकी पार्टी सत्ता में थी तो सवर्ण जातियों को नौकरियों और रोजगार में समान अवसर दिए गए।
संसद ने पिछले महीने उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलटते हुए संशोधन विधेयक पारित किया था। इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने कानून के तहत निर्दोष लोगों को फंसाने से रोकने के लिए प्रारंभिक जांच के बिना गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।