चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड गठन को लेकर उत्तराखंड सरकार के फैसले के खिलाफ अब स्वामी रामदेव भी सामने आए हैं। बोर्ड गठन पर अखाड़ा परिषद के विरोध का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि वह अखाड़ा परिषद के साथ हैं। कहा कि सरकार को यदि अधिग्रहण करना है तो सभी धर्मस्थलों का करे। केवल सनातन धर्म पर कुठाराघात क्यों किया जा रहा है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने पतंजलि योगपीठ में योगगुरु स्वामी रामदेव से महाकुंभ को लेकर शिष्टाचार भेंटवार्ता की। इस दौरान महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर दोनों संतों ने चर्चा की। चर्चा के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि महाकुंभ में भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशी श्रद्धालु भी हरिद्वार में पहुंचेंगे। ऐसे में हाईवे ही महाकुंभ मेले की मुख्य लाइफलाइन है।
यदि सुविधाजनक हाईवे श्रद्धालुओं को मिलेगा तो निश्चित रूप से देशभर से आने वाले श्रद्धालु महाकुंभ की सुंदर छवि मन में लेकर वापस लेकर जाएंगे। इसलिए हाईवे का निर्माण महाकुंभ से पूर्व किया जाना जरूरी है। उन्होंने स्लाटर हाउस का निर्माण बंद करने की अखाड़ा परिषद की मांग का भी समर्थन किया। कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरी के नेतृत्व में कई कुंभ पर्व संपन्न हो चुके हैं।
उनके व्यापक अनुभव का लाभ हरिद्वार महाकुंभ में मिलेगा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि आपसी समन्वय से ही महाकुंभ सकुशल संपन्न होगा। कुंभ मेला अधिकारी अनुभवी हैं, जिसका लाभ अवश्य ही आश्रम अखाड़ों, मठ मंदिरों को मिलेगा। कहा कि 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ङ्क्षसह रावत से महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर काफी गंभीर वार्ता हुई है। अखाड़ों में होने वाले स्थायी कार्य भी जल्द ही शुरू हो जाएंगे।