उन्होंने कहा कि गुरुवार को सदन में जिस तरह का व्यवहार नीतीश का था उससे यह साफ है कि अब नीतीश मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं। एक मित्र के नाते सलाह है कि अब नीतीश कुमार को अपने उत्तराधिकारी तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप कर आराम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने उम्र में अपने से दस साल बड़े मांझी के लिए जिन अपमानजनक शब्दों का प्रयोग आंखें तरेरते हुए किया, वैसा यदि वे सदन के बाहर करते, तो उन पर दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज होता। यदि जीतन राम किसी दूसरे समुदाय के होते, तो नीतीश कुमार ऐसी गाली-गलौज वाली भाषा के उपयोग का साहस नहीं करते।
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