छात्रों को मार्कशीट के लिए यूनिवर्सिटी के चक्कर काटने से मिलेगी निजात
केंद्र सरकार लगातार विश्वविद्यालयों के साथ ही विद्यालयी शिक्षा बोर्ड को छात्रों के शैक्षिक प्रमाणपत्र डिजिटल माध्यम से भी जारी करने पर जोर दे रही है। लेकिन इस मोर्चे पर अब तक खास प्रगति नहीं हो पाई है। अब राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग के सीईओ ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर अपने सभी शिक्षण संस्थानों को डिजिटल तरीके से प्रमाणपत्र जारी करने को कहा है।
राज्य के सभी सरकारी, निजी विश्वविद्यालय के साथ ही शिक्षा विभाग भी छात्रों को मार्कशीट और प्रमाणपत्र अब डिजिटल माध्यम से भी जारी करेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को अपने सभी शिक्षण संस्थानों को नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी योजना से जुड़ने को कहा है। संस्थानों को पुराने एकेडमिक दस्तावेज भी पोर्टल पर अपलोड करने होंगे।
इसके तहत डिजिलॉकर सभी शिक्षण संस्थानों को अपनी सेवाएं निशुल्क देगा। सभी शिक्षण संस्थानों को नए शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के साथ ही पुराने शैक्षिक प्रमाणपत्रों को भी डिजिलॉकर में अपलोड करने को कहा गया है। आईटी विभाग के सचिव आरके सुधांशु ने इस पर उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और विद्यालयी शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर जरूरी कार्रवाई करने को कहा है।
केंद्र सरकार ने अपने पत्र में उत्तराखंड में स्थित विश्वविद्यालयों की लिस्ट भी सौंपी है जो अब तक डिजिलॉकर में पंजीकृत नहीं हो पाए हैं। इसमें निजी के साथ ही सरकारी विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। डिजी लॉकर के जरिए छात्रों के दस्तावेज सत्यापन जैसे काम तो आसानी से होंगे ही, दस्तावेज खोने या छेड़छाड़ की संभावनाएं भी खत्म हो सकेंगी।