उत्तराखंड में एक जिले से दूसरे में जाने पर हो सकती है सख्ती
देश के अन्य राज्याें में कोरोना संकमण बढ़ने के साथ ही भारी संख्या में प्रवासियों के वापस उत्तराखंड लौटने की संभावना भी जताई जा रही है। ऐसे में प्रदेश में संक्रमण को रोकने के लिए सरकार अंतरजनपदीय आवागमन पर सख्त कदम उठा सकती है।बता दें कि उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के बाद 81 मरीजों की मौत हो गई। इसमें से 43 यानी पचास प्रतिशत से अधिक मरीज साठ साल से कम उम्र के हैं। बड़ी संख्या में चालीस साल से कम उम्र के मरीजों की भी मौत हुई है। राज्य में कोरोना संक्रमण विकराल होने के बाद अब मरीजों की मौत का ग्राफ तेजी से बढ़ने लगा है। अस्पतालों पर बढ़े भारी दबाव से वेंटीलेटर, आईसीयू और ऑक्सीजन बेड की कमी हो रही है जिस वजह से गंभीर स्थिति में पहुंच रहे मरीजों की मौत हो रही है।
उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना केसों के बीच तीरथ सरकार सख्त कदम उठाने के मूड में हैं। कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सरकार अब राज्य के भीतर एक से दूसरे जिले में जाने पर नियम कठोर कर सकती है। मैदानी क्षेत्रों में जिस तरह संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसे देख कर लोग अपने मूल घरों की तरफ रूख कर सकते हैं। माना जा रहा है कि राज्य के भीतर अंतरजनपदीय आवागमन के लिए आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य किया जा सकता है। सीएम तीरथ सिंह रावत ने इसके संकेत दिए हैं। पहाड़ी जिलों की तुलना में मैदानी जिलों में काेरोना केसों में लगातार इजाफा हो रहा है।
पिछले चार दिनों से राज्य में संक्रमितों की मौत में खासी तेजी आ गई है। शनिवार को राज्य में 81 मरीजों की मौत हुई। शुक्रवार को मौत का आंकड़ा 49 था जबकि गुरुवार को राज्य भर में कोरोना संक्रमण 19 मरीजों की मौत हुई थी। राज्य में हर दिन बढ़ रही मौत का आंकड़ा इस ओर इशारा कर रहा है कि राज्य के मैदानी जिलों में आईसीयू, वेंटीलेटर और ऑक्सीजन सपोर्टेट बेड की संख्या सीमित है जिस वजह से लोगों को तत्काल ये सुविधाएं नहीं मिल रही हैं और लोगों की मौत हो रही है।
राज्य में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसी का नतीजा है कि ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ तृप्ति बहुगुणा ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में मरीज आखिरी स्टेज में अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों को संभालना बहुत मुश्किल हो रहा है और मरीजों की अचानक मौत हो रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोविड के लक्षण दिखाई देने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लें और सांस में दिक्कत होने पर अस्पताल जरूरत आएं। स्वास्थ्य महानिदेशक ने माना कि राज्य में इस बीच गंभीर मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसे वायरस के नए वेरिएंट के ज्यादा खतरनाक होने की पुष्टि हो रही है।